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Sunday, 22 December, 2024
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भारत, स्वीडन जलवायु समाधान मुहैया कराने की दिशा में मजबूत साझेदार बन सकते हैं: स्वीडिश अधिकारी

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(उज्मी अतहर)

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) स्वीडन के अधिकारियों ने कहा है कि भारत और स्वीडन जलवायु अनुकूल औद्योगिक प्रक्रियाओं और नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों के माध्यम से जलवायु संबंधी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए नवाचार एवं हरित प्रौद्योगिकी में अपने सहयोग को गहरा कर सकते हैं।

स्वीडन दूतावास और ‘बिजनेस स्वीडन’ के अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत के दौरान जलवायु के अनुकूल प्रक्रियाओं के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन और नवाचार की साझा क्षमता पर जोर दिया।

स्वीडन के दूतावास के मिशन उप प्रमुख क्रिश्चियन कामिल ने कहा, ‘‘स्वीडन हरित प्रौद्योगिकियों में अग्रणी है, जबकि भारत में इसके बड़े पैमाने पर क्रियान्वयन की अद्वितीय क्षमता है। हम साथ मिलकर हरित हाइड्रोजन, कार्बन संकलन एवं परिसंचरण प्रक्रिया जैसी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान कर सकते हैं।’’

कामिल ने नवीकरणीय ऊर्जा और परिवहन विद्युतीकरण की दिशा में स्वीडन की प्रगति की ओर भी ध्यान दिलाया तथा कहा कि स्वीडन की 50 प्रतिशत से अधिक ऊर्जा का स्रोत पहले से ही नवीकरणीय साधन हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पवन और सौर ऊर्जा में व्यापक निवेश के साथ इस हिस्सेदारी को और बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

कामिल ने औद्योगिक क्षेत्र में जलवायु अनुकूल माध्यमों को अपनाने के बारे में कहा कि भारत की विनिर्माण क्षमता और जलवायु अनुकूल प्रक्रियाओं में स्वीडन की विशेषज्ञता से उल्लेखनीय परिणाम निकल सकते हैं।

उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और परिवहन विद्युतीकरण की संभावनाओं पर भी जोर दिया और कहा कि साझा प्रयासों से ‘‘दोनों देशों में ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की दिशा में तेजी लाई जा सकती है।’’

भारत में स्वीडन की व्यापार आयुक्त सोफिया होगमैन ने भारत में जलवायु अनुकूल माध्यमों को बढ़ावा देने में स्वीडिश कंपनियों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने ‘इंडिया-स्वीडन इनोवेशन एक्सेलेरेटर’ (आईएसआईए) कार्यक्रम का उल्लेख किया, जिसके तहत 12 वर्ष में 70 से अधिक स्वीडिश हरित प्रौद्योगिकी कंपनियां भारतीय बाजार में आयी हैं।

मुंबई में स्वीडन के महावाणिज्यदूत स्वेन ओस्टबर्ग ने मुंबई और गुजरात में ‘एनवैक’ की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों तथा मीठी नदी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए ‘आईवीएल’ के अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम परामर्श मुहैया कराके इन कंपनियों को सहायता प्रदान करते हैं।’’

भाषा सिम्मी प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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