नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) माकपा ने कहा है कि भारत को अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता करते समय किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कदमों का विरोध करना चाहिए।
पार्टी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर वाशिंगटन को खुश करने के लिए स्वेच्छा से अमेरिकी आयात पर शुल्क में कटौती करने का आरोप लगाया है।
वामपंथी पार्टी के पोलित ब्यूरो की बैठक के एक दिन बाद रविवार को जारी एक बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया गया कि वह इजराइल पर गाजा में युद्ध विराम घोषित करने के लिए दबाव डाले तथा वहां के लोगों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं तक ‘निर्बाध’ पहुंच की अनुमति दे।
गाजा में जारी संघर्ष की निंदा करते हुए इसमें कहा गया कि क्षेत्र के लोग इजराइली हमलों और सहायता सामान ले जा रहे वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण बड़े पैमाने पर भुखमरी से पीड़ित हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ लगाने की धमकियों से उत्पन्न आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत के बारे में वामपंथी पार्टी ने कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि भारत अमेरिका के लिए कृषि उत्पादों का अपना बाजार खोले और पेटेंट कानूनों में बदलाव लाए।
माकपा ने कहा कि इस संबंध में दो दौर की बातचीत हो चुकी है और इस साल के अंत तक समझौता हो जाने की उम्मीद है।
इसने कहा, ‘भारत को ऐसे सभी प्रयासों का विरोध करना चाहिए जो हमारे किसानों और देश के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं।’
बीटीए को अंतिम रूप देने का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करना है।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश
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