नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को गेहूं, जीवन रक्षक दवाओं सहित मानवीय सहायता पहुंचाने की रूपरेखा पर काम कर रहा है. कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान ने भारत को अपने क्षेत्र से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देने की घोषणा की थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस मामले में पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा है और इसकी रूपरेखा पर काम कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘ हमने इस विषय पर 7 अक्टूबर के अपने प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया मिली है जिसमें अफगानिस्तान की जनता को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं, जीवन रक्षक दवाओं सहित मानवीय सहायता देने की बात कही गई थी.’
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बागची ने कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान की जनता के साथ खड़ा है. चाहे मानवीय सहायता पहुंचाने की बात हो या विकास संबंध मदद का विषय हो.
उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया पर विचार कर रहे हैं और उसके साथ इस संबंध में रूपरेखा तय करने को लेकर काम कर रहे हैं. हमारा मानना है कि मानवीय सहायता को शर्तो के दायरे में नहीं बांधा जाना चाहिए.’
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को घोषणा की थी कि उनकी सरकार पारगमन के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के बाद भारत को अपने क्षेत्र से पड़ोसी देश अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं की मानवीय खेप भेजने की अनुमति देगी.
इमरान खान ने इस्लामाबाद में अफगानिस्तान अंतर-मंत्रालयी समन्वय प्रकोष्ठ (एआईसीसी) की शीर्ष समिति की बैठक के दौरान यह फैसला किया था.
गौरतलब है कि मौजूदा समय में पाकिस्तान केवल अफगानिस्तान को भारत को माल निर्यात करने की अनुमति देता है लेकिन सीमा पार से किसी अन्य दोतरफा व्यापार की अनुमति नहीं देता है.
पिछले महीने, भारत ने मानवीय सहायता के रूप में अफगानिस्तान के लिए 50,000 मीट्रिक टन गेहूं की घोषणा की और पाकिस्तान से वाघा सीमा के माध्यम से खाद्यान्न भेजने का अनुरोध किया था.
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