नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) भारत ने शुक्रवार को ब्रिटिश संसद की उस रिपोर्ट को ‘‘बेबुनियाद’’ बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें इसे, ब्रिटेन में ‘‘अंतरराष्ट्रीय दमन’’ करने वाले देशों की सूची में शामिल किया गया है ।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि ये आरोप उन ‘‘असत्यापित’’ और ‘‘संदिग्ध स्रोतों’’ के आधार पर लगाए गए हैं, जो मुख्यतः प्रतिबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों से जुड़े हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने रिपोर्ट में भारत का संदर्भ देखा है और इन निराधार आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये दावे असत्यापित और संदिग्ध स्रोतों से सामने आए हैं, जो मुख्यतः प्रतिबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों से जुड़े हैं, जिनका भारत विरोधी शत्रुता का स्पष्ट इतिहास रहा है।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘जानबूझकर ऐसे संदिग्ध स्रोतों पर भरोसा करना रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा करता है।’’
ब्रिटेन की संसद की मानवाधिकारों पर संयुक्त समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में भारत को चीन, मिस्र, इरिट्रिया, ईरान, पाकिस्तान, रूस, बहरीन, रवांडा, सऊदी अरब, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के साथ उन देशों की सूची में शामिल किया गया है जो कथित तौर पर ब्रिटेन में ‘‘अंतरराष्ट्रीय दमन’’ में शामिल हैं।
‘‘ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय दमन’’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट 30 जुलाई को सार्वजनिक की गई थी।
रिपोर्ट में उद्धृत भारत से संबंधित कुछ विवरण सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और ब्रिटेन-स्थित अन्य सिख समूहों द्वारा प्रदान किए गए थे। एसएफजे एक खालिस्तान समर्थक संगठन है और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत भारत में प्रतिबंधित है।
भाषा सुरभि रंजन
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