नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को इस्लामाबाद में अपनी विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष को आमंत्रित करने के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आलोचना करते हुए कहा है कि वह इस तरह की कदम को ‘बहुत गंभीरता से’ लेता है जिसका मकसद सीधे तौर पर भारत को प्रभावित करना है. उसने आगे कहा कि यह हमारी एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है.
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान पर भी निशाना साधा है और कहा कि ओआईसी को निहित स्वार्थों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए अपने मंच का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद और इसके विरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों को प्रोत्साहित करने वाले ओआईसी के कदम को स्वीकार नहीं करता है.
बागची ने कहा कि ‘हमने भारत में रिपोर्ट्स देखीं हैं जिनमें ओआईसी के महासचिव ने सर्वदलीय हुर्रियत सम्मेलन के अध्यक्ष को 22-23 मार्च को इस्लामाबाद में होने वाले 48 वें सत्र में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया है.’
उन्होंने आगे कहा है कि ‘भारत सरकार ऐसी पहल को बहुत गंभीरता से लेती है जिनका मकसद सीधे भारतीय एकता को नष्ट करना और हमारी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करना है. भारत ओआईसी से भारतीय आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से परहेज करने का आह्वान करता है.’
बागची ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि ‘ओआईसी अन्य महत्वपूर्ण विकासशील गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय एक सदस्य के राजनीतिक एजेंडे द्वारा गाइड हो रहा है.’
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