नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि भारत को काफी संघर्ष के बाद आजादी मिली और उसे आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है.
देश की आजादी की 75वीं सालगिरह पर महाराष्ट्र के नागपुर शहर में स्थित संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद भागवत ने वहां आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व को शांति का संदेश देगा.
उन्होंने कहा, ‘आज गर्व और संकल्प का दिन है. देश को बहुत संघर्ष के बाद आजादी मिली. उसे आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है.’
भागवत ने यह भी कहा कि लोगों को नहीं पूछना चाहिए कि देश और समाज उन्हें क्या देता है, बल्कि यह सोचना चाहिए कि वे देश को क्या दे रहे हैं.
भागवत ने कहा, ‘राष्ट्र ध्वज के शीर्षस्थ रंग को हम केसरिया रंग कहते हैं जो त्याग, कर्म, प्रकाश और ज्ञान का रंग है. हम पवित्र बनेंगे, हमारा मन विकारों से ग्रस्त नहीं होगा इसलिए दूसरा रंग सफेद है. सभी प्रकार की समृद्धि का हरा रंग लक्ष्मी जी का प्रतीक है.’
उन्होंने कहा, ‘यह सब हम धर्म का पालन करके ही कर सकते हैं इसलिए ध्वज के केंद्र में धर्म चक्र है. इन बातों को समझकर हमें परिश्रम करना चाहिए. हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि मुझे क्या मिलेगा. मैं अपने देश को क्या दे रहा हूं इसका विचार करके ही हमें अपना जीवन जीने की आवश्यकता है.’
संघ मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में आरएसएस के कुछ स्वयंसेवक और प्रचारक मौजूद थे.
आरएसएस ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रेशमबाग क्षेत्र स्थित डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति में एक कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें नागपुर महानगर के सहसंघचालक श्रीधर गाडगे मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे.
आरएसएस के स्वयंसेवक शाम पांच बजे शहर के विभिन्न हिस्सों में ‘पथ संचलन’ (मार्च पास्ट) भी करेंगे.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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