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Thursday, 5 December, 2024
होमदेशदेश को खोखला कर रहा भ्रष्टाचार और परिवारवाद, लाल किले से PM मोदी ने दिया 'पंच प्रण' का मंत्र

देश को खोखला कर रहा भ्रष्टाचार और परिवारवाद, लाल किले से PM मोदी ने दिया ‘पंच प्रण’ का मंत्र

पीएम ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र की इस बुराई (परिवारवाद) ने हिंदुस्तान के हर क्षेत्र में जगह बना ली है. भाई-भतीजावाद के खिलाफ हर संस्थाओं में जागरूकता पैदा करनी होगी.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को आजादी के 75 साल पूरे होने पर बधाई देते हुए आने वाले 25 सालों के लिए पांच महत्वपूर्ण प्रण लेने की बात कही वहीं दो ऐसे खतरों से भी आगाह किया जो भारत को खोखला कर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्ष हमारे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि तिरंगा आन-बान-शान से लहरा रहा है.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पांच चीजों पर अपनी शक्ति और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा, जो कि ‘पंच प्रण’ है.

पीएम ने बताया कि पहला प्रण है कि बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना, जो कि विकसित भारत बनने का प्रण है. दूसरा प्रण है, गुलामी के हर अंश से मुक्ति. तीसरा प्रण है, विरासत पर गर्व करना. चौथा प्रण है, एकता और एकजुटता. पांचवा प्रण है, नागरिकों का कर्तव्य.

उन्होंने कहा, ‘आने वाले 25 साल बड़े संकल्पों वाले होने चाहिए. हमारे पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है. हम प्रकृति के साथ जीना जानते हैं. दुनिया जो पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है उसका समाधान हमारे पास है. इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है.’


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‘भ्रष्टाचार और परिवारवाद से बचाव जरूरी’

पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और परिवारवाद से बचाव जरूरी है. इन चीज़ों के खिलाफ मजबूती से लड़ना है. उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है. मुझे इसे निर्णायक मोड़ पर ले जाना है. इसके खिलाफ हर हाल में लड़ना होगा.’

पीएम ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र की इस बुराई (परिवारवाद) ने हिंदुस्तान के हर क्षेत्र में जगह बना ली है. भाई-भतीजावाद के खिलाफ हर संस्थाओं में जागरूकता पैदा करनी होगी.

उन्होंने कहा, ‘परिवारवादी राजनीति परिवार की भलाई के लिए होती है, उसे देश की भलाई से कोई मतलब नहीं होता. परिवारवादी मानसिकता से देश को निकालना होगा.’

उन्होंने कहा, ‘जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है.’

प्रधानमंत्री ने राजनीतिक शुद्धि के लिए परिवारवाद के खिलाफ समर्थन के लिए लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि भाई-भतीजावाद के खिलाफ नफरत जरूरी है. इससे भ्रष्टाचार बढ़ता है.


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‘नारी शक्ति हर क्षेत्र में सिरमौर’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया और आने वाले 25 सालों में उनकी भूमिका पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने भावुक होते लाल किले से कहा, ‘किसी न किसी कारण हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है, हमारी बोलचाल, व्यवहार में, हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा के जीवन में, नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं? नारी का गौरव राष्ट्र के सपनों को पूरा करने के लिए बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है.’

उन्होंने कहा कि भारत की नारी शक्ति आज हर क्षेत्र में सिरमौर है. जितने ज्यादा अवसर, सुविधाएं बेटियों को देंगे, वो हमें बहुत कुछ लौटा के देंगी. वो देश को ऊंचाई पर ले जाएंगी.

उन्होंने कहा, ‘हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं.’


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‘भारत की विविधता ही उसकी शक्ति’

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के जंग में गुलामी का पूरा कालखंड संघर्ष में बीता है. हिंदुस्तान का ऐसा कोई कोना नहीं था जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न किया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो. आज हम देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष, त्यागी, बलिदानी को नमन करने का अवसर है. उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लेने का अवसर है.

पीएम मोदी ने महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, वीर सावरकर, बाबा साहब आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए कहा कि इन्होंने कर्तव्य पथ पर अपना जीवन खपा दिया. उन्होंने भगत सिंह, तांत्या तोपे, राजशेखर, रामप्रसाद बिस्मिल जैसे अनेकों क्रांतिकारियों को लेकर कहा कि इन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘इतिहास में शायद ये पहली घटना होगी जब इतने लंबे वक्त तक कार्यक्रम चले और देश के वीरों को याद किया.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ’75 साल की हमारी यह यात्रा अनेकों उतार-चढ़ाव की रही है. लेकिन इसके बीच भी हमारे देशवासियों ने उपलब्धियां की है, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है, संकल्पों को ओझल नहीं होने दिया है. ये भी सच्चाई है कि सैकड़ों सालों की गुलामी ने लोगों को गहरे घाव दिए हैं लेकिन एक जुनून था.’

पीएम ने कहा कि भारत की विविधता ही उसकी शक्ति है. भारत लोकतंत्र की जननी है. उन्होंने कहा, ‘भारत के हर वर्ग में आकांक्षाएं उफान पर है. केंद्र हो या राज्य सरकार, आकांक्षी समाज के मुद्दों की ओर ध्यान देना ही पड़ेगा. आकांक्षी समाज अपनी आने वाली पीढ़ी को इंतजार में रहने नहीं देना चाहता.’

उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति से नया विश्व बन रहा है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए ये टेकेड (टेक्नोलॉजी का दशक) है. यह मानव के लिए तकनीकी का वक्त है.


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अमृत काल की पहली बेला

प्रधानमंत्री मोदी ने आज के दिन को अमृत काल की पहली प्रभात बताया. उन्होंने कहा कि भारत में सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हो रहा है. चेतना से नई शक्ति मिल रही है.

उन्होंने कहा, ‘आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदला है. समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजा जा रहा है. विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी अनुभव यात्रा का परिणाम है.’

पीएम मोदी ने आकांक्षा, उम्मीद और पुनर्जागरण को नई शक्ति बताया.


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