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संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षण में अपने योगदान पर भारत को गर्व है: जयशंकर

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नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सार्थक योगदान देना जारी रखेगा और वह शांति रक्षण क्षमताओं के निर्माण में ‘ग्लोबल साउथ’ देशों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जयशंकर ने यह भी कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी ने मिशन को और अधिक विविधतापूर्ण तथा समावेशी बना दिया है।

विदेश मंत्री ‘ग्लोबल साउथ की महिला शांतिरक्षकों’ पर भारत की मेजबानी में आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

सम्मेलन में 35 देशों की महिला शांतिरक्षक शामिल हो रही हैं जो शांति स्थापना अभियानों में महिलाओं की उभरती भूमिका का पता लगाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगी।

इसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के देशों के बीच संवाद को बढ़ावा देकर, अनुभव साझा करके और सहयोग में सुधार करके संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करना है।

जयशंकर ने कहा कि भारत को अपने योगदान और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के साथ जुड़ाव पर गर्व है, यह एक प्रतिबद्धता है जो दशकों से बनी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘1950 के दशक से भारत ने 50 से अधिक मिशनों में 2,90,000 से अधिक शांतिरक्षक भेजे हैं। वास्तव में, भारत आज भी सबसे अधिक सैन्य योगदान देने वाला देश बना हुआ है।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांतिरक्षण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने में एक ‘प्रभावी साधन’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने दुर्भाग्य से लगभग 180 शांति सैनिकों को खो दिया है, जिनके सर्वोच्च बलिदान हमारे सामूहिक प्रयासों के इतिहास में हमेशा के लिए अंकित हैं।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी इसे और अधिक विविधतापूर्ण एवं समावेशी बनाती है। यह आवश्यक है कि हम शांति स्थापना में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाते रहें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल मात्रा का ही मामला नहीं है, बल्कि गुणवत्ता का भी मामला है। महिला शांति सैनिकों की अकसर स्थानीय समुदायों तक अद्वितीय पहुंच होती है, जो संघर्ष क्षेत्रों में महिलाओं के लिए आदर्श के रूप में कार्य करती हैं।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को उनकी शांति स्थापना क्षमताओं के निर्माण में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण के लिए केंद्र के नेतृत्व में की गईं पहल के माध्यम से भारत महिला शांतिरक्षकों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए पाठ्यक्रमों सहित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रदान करना जारी रखेगा, जैसा कि हमने 2023 में आसियान देशों के साथ किया था।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम के दुनिया को एक परिवार मानने के दर्शन से प्रेरित भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण के लिए सार्थक योगदान देना जारी रखेगा।’’

अपने उद्घाटन भाषण में, सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने महिला शांतिसैनिकों की असाधारण सेवा और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए सराहना की।

भाषा वैभव नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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