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बुधवार, 7 मई, 2025
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भारत ने प्रमुख वैश्विक शक्तियों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कारणों से अवगत कराया

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नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों सहित प्रमुख वैश्विक शक्तियों को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर अपने सैन्य हमलों के पीछे के कारणों से अवगत कराया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि भारत ने विभिन्न देशों को यह भी बताया कि यदि पाकिस्तान तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ाता है तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए सैन्य हमलों के कुछ घंटों बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी, जापान, फ्रांस और स्पेन के अपने समकक्षों से बात की और उन्हें पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और सऊदी अरब के अपने समकक्षों से बात की। डोभाल ने इन देशों के अपने समकक्षों से कहा कि भारत का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो वह ‘‘दृढ़ता से जवाब देने’’ के लिए तैयार है।

एनएसए डोभाल ने अमेरिका के एनएसए एवं विदेश मंत्री मार्को रुबियो, चीन के विदेश मंत्री वांग यी, रूस के एनएसए सर्गेई शोइगु, ब्रिटेन के एनएसए जोनाथन पॉवेल, सऊदी अरब के एनएसए मुसैद अल-ऐबन, संयुक्त अरब अमीरात के एनएसए तहनून बिन जायद अल नाहयान, जापान के एनएसए मसाटाका ओकानो और फ्रांस के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोने के साथ अलग-अलग फोन पर बातचीत की।

सूत्रों ने बताया कि डोभाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में उन्हें कुछ जानकारी दी।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘एनएसए ने अपने समकक्षों को की गई कार्रवाई और क्रियान्वयन के तरीके के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत की कार्रवाई नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान तनाव बढ़ाने का फैसला करता है तो वह दृढ़ता से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।’’

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट, जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल, जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अलबरेस और कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी के साथ अपनी बातचीत में जयशंकर ने सीमा पार आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ भारत की कार्रवाई पर चर्चा की।

जयशंकर ने बैरोट और वेडफुल के साथ बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा, ‘‘पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर उनकी एकजुटता और समर्थन की सराहना की। आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना सुनिश्चित करने पर चर्चा की।’’

जापानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि तोक्यो इस बात से ‘‘गहरी चिंता’’ में है कि हाल की घटनाओं के कारण ‘‘और अधिक तनाव भड़क सकता है तथा यह पूर्ण पैमाने पर सैन्य संघर्ष में बदल सकता है।’’

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 13 स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों के राजदूतों को जानकारी दी। राजदूतों में चीनी राजदूत जू फेइहोंग और रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव शामिल थे।

माना जा रहा है कि मिसरी ने राजदूतों को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे पर सैन्य हमले करने के भारत के फैसले के पीछे के कारणों से अवगत कराया। मिसरी ने राजदूतों को बताया कि भारत ने ‘नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना’ कार्रवाई की।

भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए सख्त जवाबी कार्रवाई में मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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