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Friday, 1 November, 2024
होमदेशधान का रकबा घटने और घरेलू स्तर पर कीमतें बढ़ने के बाद भारत ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया

धान का रकबा घटने और घरेलू स्तर पर कीमतें बढ़ने के बाद भारत ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया

चावल की कई किस्मों पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट टैक्स लगा दिया गया है. राजस्व विभाग की अधिसूचना में कहा गया है, ‘ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं जिसमें तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक हो गया है.

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नई दिल्ली: दुनिया में चावल के सबसे बड़े निर्यातक भारत ने घरेलू कीमतों को थामने के लिए गुरुवार को चावल की कई किस्मों पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट टैक्स लगा दिया.

राजस्व विभाग की तरफ से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, पारबॉयल और बासमती को छोड़कर धान, ब्राउन राइस और मिल्ड राइस के सभी निर्यात पर 9 सितंबर से 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगेगा.

अधिसूचना में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार को ऐसा लगता है कि कुछ वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगाया जाना चाहिए और ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं जिसे देखते हुए तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक है.’

यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब चावल की कीमतें न केवल बांग्लादेश, ईरान, इराक और सऊदी अरब से अधिक मांग के कारण बढ़ी है, बल्कि कई राज्यों में धान का रकबा घटने का भी इन पर काफी असर पड़ा है.

चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की स्थिति असमान बारिश के कारण, खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों में धान की कम और देर से बुवाई के कारण भी उत्पन्न हुई है.

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 2 सितंबर तक चालू खरीफ फसल सीजन में धान की बुआई पिछले साल की तुलना में 6 फीसदी कम रही है.

चावल के निर्यात पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का कदम भारत की तरफ से मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उठाया गया है, जो हीटवेव के बाद उपज घटने के कारण लगाया गया था.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा चावल की कीमतों में साल-दर-साल के लिहाज से (8 सितंबर को) 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि में थोक चावल की कीमतों में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

भारत चीन के बाद दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और वैश्विक चावल व्यापार में 40 फीसदी हिस्सेदारी के साथ शीर्ष निर्यातक है. इसने जून-अक्टूबर में चल रहे खरीफ फसल सीजन में 112 मिलियन टन चावल के उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है.

2021-22 में भारत ने 72,000 करोड़ रुपये के 21 मिलियन टन से अधिक चावल का निर्यात किया. इसमें से कुल चावल निर्यात में गैर-बासमती चावल की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है.

( इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )


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