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Monday, 6 May, 2024
होमदेशभारत को 8 सालों में 6 ICC टूर्नामेंट्स में मिली मात, बतौर कप्तान नाकाम साबित हो रहे हैं विराट कोहली

भारत को 8 सालों में 6 ICC टूर्नामेंट्स में मिली मात, बतौर कप्तान नाकाम साबित हो रहे हैं विराट कोहली

विराट कोहली के नेतृत्व में भारत हर बार आईसीसी टूर्नामेंट के महत्वपूर्ण मैचों में जाकर हारा है, उन्होंने अभी तक कोई भी बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट भारत को नहीं जिताया है.

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नई दिल्ली: विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2021 जीतकर न्यूजीलैंड ने अपने मेन्स (पुरुष) क्रिकेट इतिहास में पहली बार कोई आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की है. इससे पहले कई बार फाइनल तक जाकर उसे हार का सामना करना पड़ा है लेकिन जून 2021 में भारत के साथ टेस्ट मुकाबले में खेल के छठवें दिन (रिजर्व डे) जाकर न्यूजीलैंड ने टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीता.

इसी के साथ विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने एक और महत्वपूर्ण मुकाबला गंवा दिया.

इसके उलट भारत कई बार विश्व विजेता रह चुका है लेकिन 2011 के बाद से उसने एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है बल्कि छह आईसीसी टूर्नामेंट में उसे हार का सामना करना पड़ा है. विराट कोहली के नेतृत्व में भारत हर बार आईसीसी टूर्नामेंट के महत्वपूर्ण मैचों में हारा है, उन्होंने अभी तक कोई भी बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट भारत को नहीं जिताया है.

2011 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने आईसीसी के 50 ओवर के टूर्नामेंट में 28 साल बाद जीत हासिल की थी. धोनी के नेतृत्व में ही भारत ने 2007 में आईसीसी टी-20 और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती लेकिन उसके बाद स्थितियां भारत के अनुकूल नहीं रहीं. 30 दिसबंर 2014 को अचानक ही धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी.


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6 आईसीसी टूर्नामेंट में मिली मात

2014 में हुए टी-20 टूर्नामेंट से लेकर 2021 तक के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप तक छह आईसीसी टूर्नामेंट हो चुके हैं. 2014 में हुए आईसीसी टी-20 के फाइनल में भारत को श्रीलंका से मात मिली. उस मुकाबले की यादें क्रिकेट प्रेमियों को अभी तक याद होंगी जब युवराज सिंह के धीमे खेल के कारण भारत को हार मिली थी.

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2015 में एक बार फिर धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम आईसीसी के 50 ओवर के टूर्नामेंट में उतरी लेकिन सिडनी में खेले गए सेमीफाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों मात मिली.

2016 में भारत में खेले गए आईसीसी टी-20 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में मेजबान टीम को वेस्टइंडीज ने हराया. लेंडल सिमंस की 82 रनों की पारी ने मैच भारत से छीन लिया. इस मैच में विराट कोहली और रोहित शर्मा ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मैच जीतने के लिए ये नाकाफी साबित हुआ.

इसके बाद इंग्लैंड में 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी का मुकाबला हुआ. 2013 के चैंपियंस ट्रॉफी का भारत विजेता रह चुका था. इंग्लैंड की पिच तेज गेंदबाजों के लिए माकूल मानी जाती है. लेकिन ओवल में हुए फाइनल मुकाबले में भारत को अपने प्रतिद्वंदी पड़ोसी पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में पाकिस्तान ने 180 रनों से भारत को हराया और इसी के साथ एक और आईसीसी टूर्नामेंट भारत को गंवानी पड़ी.

2019 में आईसीसी का 50 ओवर का टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेला गया. इस बार कमान धोनी की बजाय विराट कोहली के पास थी. लेकिन सेमीफाइनल में भारत को न्यूजीलैंड से मात मिली. जडेजा (77) और धोनी (50) के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भारत को 18 रनों से हार मिली.

2014 से 2019 तक आईसीसी के तीन टूर्नामेंट टी-20, 50 ओवर और चैंपियंस ट्रॉफी में भारत अंत तक जाकर भी नहीं जीत सका. इसके बाद पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हुई जिसका अंतिम मुकाबला 18-23 जून के बीच इंग्लैंड में खेला गया.


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विराट को नई योजना बनाने की जरूरत

न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के दोनों ही पारियों में अच्छा स्कोर नहीं कर पाया और मैच के छठवें दिन उसे 8 विकेट से ये टूर्नामेंट भी गंवानी पड़ी.

इस टूर्नामेंट में मिली हार के बाद एक बार फिर ये सवाल उठने लगा है कि क्या भारत सही तैयारियों के साथ मैदान में नहीं उतरा क्योंकि उसके तेज गेंदबाज कोई भी कमाल नहीं दिखा सके जबकि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने भारतीय टॉप ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया.

हार के बाद विराट कोहली का वो बयान फिर से लोगों को याद आ रहा होगा जब इस मुकाबले से पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था, ‘अगर आपको लगता है कि फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को बढ़त हासिल है तो आप जहाज पकड़कर न आएं.’

लेकिन एक बात तो तय है कि भारत इस मुकाबले में मिली हार को टाल सकता था अगर उसके बल्लेबाज कुछ देर तक और टिके रहते लेकिन दूसरी पारी में 100 रन बनाते-बनाते उसके आधे से ज्यादा खिलाड़ी पवेलियन लौट चुके थे.

विराट कोहली अक्सर महत्वपूर्ण मुकाबलों में नाकाम साबित होते नज़र आए हैं. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के साथ हुई टेस्ट सीरीज में उनकी कप्तानी में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को हार मिली लेकिन जब अगले कुछ मैचों की कमान अजिंक्य रहाणे को मिली तो उनके नेतृत्व में भारत ने टेस्ट सीरीज जीती. कोई दो राय नहीं है कि विराट विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं लेकिन बतौर कप्तान उनकी नाकामियों को भी नहीं भुलाया जा सकता.

याद करें तो सचिन तेंदुलकर भी भारत के कप्तान रह चुके हैं लेकिन उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था लेकिन बतौर खिलाड़ी वो आज भी दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार हैं. इसलिए ये जरूरी नहीं कि एक अच्छा खिलाड़ी एक अच्छा कप्तान भी हो.

विराट कोहली को बतौर कप्तान ये देखने की जरूरत है कि 7वें नंबर के बाद आने वाले खिलाड़ी बल्लेबाजी में भी कुछ कर सकें. भारत को गेंदबाज-ऑलराउंडर खोजने होंगे ताकि ऐसे मुकाबले में कम से कम हार से बचा जा सके और कोहली को बतौर कप्तान एक टीम के तौर पर जिम्मेदारी निभानी होंगी और नए सिरे से टीम को आने वाली टूर्नामेंट्स के लिए तैयार करना होगा.


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