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Monday, 1 December, 2025
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भारत ने श्रीलंका को 53 टन राहत सामग्री पहुंचाई, फंसे करीब दो हजार भारतीयों को स्वदेश लाया गया

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(तस्वीरों के साथ जारी)

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को मानवीय सहायता प्रदान करने के अपने प्रयास तेज करते हुए भारत ने 28 नवंबर से हवाई एवं समुद्री मार्ग के जरिए 53 टन राहत सामग्री पहुंचाई है और द्वीपीय देश में फंसे हुए 2,000 से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया गया है। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम श्रीलंका के गंभीर रूप से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में खोज एवं बचाव अभियान जारी रखे हुए हैं, बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता कर रही हैं और उनकी तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं। इन संयुक्त अभियानों में 150 से अधिक लोगों को बचाया गया है और सहायता प्रदान की गई है।’’

बयान में कहा गया है कि श्रीलंका में भारी तबाही मचाने वाले चक्रवात ‘दित्वा’ के मद्देनजर भारत ने 28 नवंबर को ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू किया था ताकि ‘‘हमारे निकटतम समुद्री पड़ोसी देश’’ को खोज एवं बचाव तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सहायता तत्काल प्रदान की जा सके।

भारत ने भारतीय वायु सेना के परिवहन विमानों और नौसेना के अग्रिम पंक्ति के पोतों का उपयोग करते हुए समुद्री और हवाई दोनों मार्गों से कोलंबो को सहायता पहुंचाई है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आईएनएस सुकन्या राहत सामग्री लेकर त्रिंकोमाली पहुंच गया है।’’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार शाम को बताया था कि भारतीय पोत मानवीय सहायता लेकर विशाखापत्तनम से रवाना हुआ।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि श्रीलंकाई वायुसेना के साथ समन्वय में भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के चेतक हेलीकॉप्टर एवं भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने व्यापक बचाव अभियान चलाया और गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और गंभीर रूप से घायलों सहित फंसे हुए लोगों को निकाला।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बचाए गए लोगों में श्रीलंका, भारत, जर्मनी, स्लोवेनिया, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड, बेलारूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक शामिल हैं।’’

भारत सरकार ने चक्रवात आने के तुरंत बाद श्रीलंकाई अधिकारियों के समन्वय से भारतीय नौसेना के दो पोतों- आईएनएस विक्रांत और फ्रिगेट आईएनएस उदयगिरि के जरिए पहुंचाए गए 9.5 टन आपातकालीन राशन को तत्काल कोलंबो को सौंपा। मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 31.5 टन राहत सामग्री, दो सचल अस्पताल ‘भीष्म क्यूब’ (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग हित एंड मैत्री ) के साथ-साथ मौके पर प्रशिक्षण के लिए पांच लोगों की चिकित्सकीय टीम और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 80 लोगों की विशेष शहरी खोज एवं बचाव (यूएसएआर) टीम पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के तीन विमान भी तैनात किए हैं और भारतीय नौसेना के पोत सुकन्या के जरिए 12 टन राहत सामग्री भेजी गई है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘कुल 53 टन राहत सामग्री सौंपी गई है।’’

चक्रवात ‘दित्वा’ के कारण फंसे भारतीय नागरिकों को वायुसेना की विशेष उड़ानों के साथ-साथ वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से निकाला गया। उसने कहा, ‘‘फंसे हुए 2000 से अधिक भारतीयों को पहले ही वापस लाया जा चुका है।’’

भाषा सिम्मी धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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