मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत आज आत्मविश्वास से भरा है और सीमा पर हो रही गतिविधियों मे यह बात नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि भू-स्थानिक (जियो-स्टेटिक) आंकड़ों (डाटा) को हासिल करने और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली नीतियों के उदारीकरण का फैसला इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
प्रधानमंत्री ने ‘नासकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम’ को संबोधित करते हुए यह बातें कही.
उन्होंने कहा कि पूर्व में सुरक्षा संबंधी विचारों में बहुत बड़ी बाधा थी जिसकी वजह से भू-स्थानिक आंकड़ों के उदारीकरण संबंधी कदम नहीं उठाये जा सके.
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में महीनों चली तनातनी के बाद सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी है.
उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के लिए आत्मविश्वास एक बहुत बड़ी ताकत होती है और आज भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है, सीमा पर हम ये देख रहे हैं…तभी इस प्रकार के निर्णय भी संभव होते हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये निर्णय सिर्फ प्रौद्योगिकी के दायरे के तहत आने वाले प्रशासनिक सुधार नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘ये निर्णय भारत के सामर्थ्य का परिचायक है. भारत को विश्वास है कि कभी ये निर्णय करने के बाद भी, हम देश को सुरक्षित भी रख पाएंगे और देश के नौजवानो का विश्व के अंदर अपना लोहा मनवाने के लिए अवसर भी देंगे.’
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और इस क्षेत्र में अगुवा बनने के लिये नवप्रवर्तन पर जोर, प्रतिस्पर्धी क्षमता विकसित करने के साथ उत्कृष्ट संस्थान निर्माण पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
उन्होंने आईटी उद्योग से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास समेत देश के लोगों की अन्य जरूरतों को ध्यान में रखकर समाधान तलाशे जाने का भी आह्वान किया.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नये भारत के लिये अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें निजी क्षेत्र की भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका है.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय आईटी उद्योग की विश्व में छाप है, लेकिन हमें इस क्षेत्र में अगुवा बनना है, तो हमें नवप्रवर्तन, प्रतिस्पर्धी क्षमता और उत्कृष्टता के साथ संस्थान निर्माण पर ध्यान देना होगा.’
उन्होंने विशेष रूप से स्टार्टअप का जिक्र करते हुए कहा, ‘स्टार्टअप संस्थापकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि कैसे वे संस्थानें सृजित कर सकते हैं, केवल मूल्यांकन पर जोर नहीं होना चाहिए.’ आईटी बीपीएम (बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट) उद्योग का शीर्ष निकाय नासकॉम का यह सम्मेलन तीन दिन (17-19 फरवरी) तक चलेगा.
मोदी ने कहा, ‘विश्व में भारतीय प्रौद्योगिकी की जो पहचान है, उससे देश को काफी उम्मीदें हैं. आपके समाधान पर मेक फॉर इंडिया की छाप होनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘आईटी उद्योग देश की जरूरत के हिसाब से भी काम करे. कृषि क्षेत्र को बेहतर और लाभदायक बनाने के लिये कैसे कृत्रिम मेधा व अन्य प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं, इस पर विचार करें. स्वास्थ्य सुविधाओं को सस्ता और सुलभ बनाने तथा शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण समेत अन्य क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग पर विचार करने की जरूरत है.’
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