नई दिल्ली: भारत ने शनिवार को पाकिस्तान से कहा कि वह जेल की सज़ा पूरी कर चुके 254 भारतीय मछुआरों और चार असैन्य कैदियों की रिहाई एवं उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करे.
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, पाकिस्तान से उसकी हिरासत में मौजूद ऐसे 12 मछुआरों और 14 असैन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच सुलभ कराने को कहा गया है जिनके बारे में यह समझा जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं.
भारत ने दोनों देशों के बीच मछुआरों एवं असैन्य कैदियों की सूची के आदान-प्रदान के परिप्रेक्ष में यह आग्रह किया है. दोनों देशों के बीच 2008 में हुए समझौते की रूपरेखा के तहत हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को ऐसा किया जाता है.
बयान के अनुसार, भारत ने असैन्य कैदियों, लापता रक्षा कर्मियों एवं मछुआरों तथा उनकी नौकाओं की जल्द रिहाई एवं उनकी वापसी सुनिश्चित करने को भी पाकिस्तान से कहा है.
भारत ने पाकिस्तान को ऐसे 343 असैन्य कैदियों एवं 74 मछुआरों की सूची सौंपी जो भारत की हिरासत में हैं और जो पाकिस्तानी है या जिनके बारे में समझा जाता है कि वे पड़ोसी देश के नागरिक हैं.
इसी प्रकार से पाकिस्तान ने उसकी हिरासत में मौजूद ऐसे 42 असैन्य कैदियों एवं 266 मछुआरों की सूची भारत को सौंपी जो भारतीय हैं या जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारत के नागरिक हैं.
बयान के अनुसार, इस संदर्भ में पाकिस्तान से 254 भारतीय मछुआरों और चार असैन्य कैदियों की रिहाई एवं उन्हें वापस भेजना सुनिश्चित करने को कहा गया जिन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान से सभी भारतीय या जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय कैदी हैं, उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है.
बयान में कहा गया है कि भारत कैदियों से संबंधित सभी मानवीय मुद्दों को प्राथमिकता के आधार देखने को प्रतिबद्ध है.
इस संदर्भ में, भारत ने पाकिस्तान से उन 62 कैदियों की नागरिकता की पुष्टि करने से संबंधित कार्रवाई को पूरा करने में तेजी लाने को कहा है जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं.
बयान के अनुसार, सरकार के सतत प्रयासों से वर्ष 2014 के बाद से 2,559 भारतीय मछुआरों और 63 असैन्य कैदियों को भारत वापस लाया गया है.
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