scorecardresearch
Friday, 26 April, 2024
होमदेशभारत, आसियान की सामरिक साझेदारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित : मोदी

भारत, आसियान की सामरिक साझेदारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित : मोदी

मोदी ने कहा, ‘भारत और आसियान के बीच आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, वित्तीय और समुद्री हर प्रकार के संपर्क को बढ़ाना हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. पिछले कुछ सालों में हम इन सभी क्षेत्रों में क़रीब आते गए हैं.’

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन ‘आसियान’ की सामरिक साझेदारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित है तथा यह समूह शुरू से ही भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मूल केंद्र रहा है.

मोदी 17वें आसियान-भारत शिखर बैठक को संबोधित कर रहे थे. वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ मोदी इस बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं.

अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘भारत और आसियान के बीच आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, वित्तीय और समुद्री हर प्रकार के संपर्क को बढ़ाना हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. पिछले कुछ सालों में हम इन सभी क्षेत्रों में क़रीब आते गए हैं.’

उन्होंने कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल और आसियान के हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण के बीच कई सारी समानताएं हैं. उन्होंने कहा, ‘शुरूआत से ही आसियान समूह हमारी ‘ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मूल केंद्र रहा है. भारत और आसियान की रणनीतिक भागीदारी हमारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है.’

यह सम्मेलन बृहस्पतिवार को कोविड-19 महामारी की वजह से ऑनलाइन माध्यम के जरिये शुरू हुआ, जिसके शुरुआती सत्र में वियतनाम के प्रधानमंत्री ने सदस्य देशों के समक्ष मौजूद चुनौतियों को रेखांकित किया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) के साल में दो बार होने वाले सम्मेलन में इस साल वियतनाम अध्यक्ष है और उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर विवाद, कोरोना वायरस महामारी और कारोबार सहित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

कोविड-19 की समस्या इतनी विकट है कि इसकी वजह से कंबोडिया का प्रतिनिधित्व वहां के उप प्रधानमंत्री कर रहे हैं क्योंकि देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे हुन सेन संक्रमित मंत्री के संपर्क में आने की वजह से पृथकवास में हैं.


यह भी पढ़ें: निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज की घोषणा की, नई नौकरियां पैदा करने और कोविड वैक्सीन के शोध पर रहेगा जोर


 

share & View comments