मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, अजय देवगन, फिल्मकार करण जौहर और सुनील शेट्टी ने बुधवार को कहा कि लोगों को आधे-अधूरे सत्य और मतभेद पैदा करने वाली बातों पर ध्यान देने के बजाय, जारी किसान संकट को सुलझाने के सरकार के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
उनकी यह टिप्पणी विदेश मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना, जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य की ओर से किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के बाद आई है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में किसानों के एक बहुत छोटे से वर्ग को कृषि सुधारों के बारे में कुछ आपत्तियां हैं और आंदोलन पर जल्दबाजी में टिप्पणी करने से पहले इस मुद्दे को समझने की जरूरत है.
रिहाना ने मंगलवार को ट्विटर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बाधित करने की सीएनएन की रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा था कि ‘हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं.’
बाद में स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ट्विटर पर उनके प्रति एकजुटता जाहिर की.
इस पर विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया जताई.
विदेश मंत्रालय के बयान को ट्विटर पर साझा करते हुए अक्षय कुमार ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार की कोशिशें ‘स्पष्ट दिख रही’ हैं .
अजय देवगन ने ट्वीट कर लोगों से आग्रह किया कि वे ‘भारत या भारतीय नीतियों के खिलाफ झूठे प्रचार’ से सावधान रहें.
करण जौहर ने लिखा कि किसी को भी देश विभाजित नहीं करने देना चाहिए.
सुनील शेट्टी ने ट्विटर पर विदेश मंत्रालय के बयान को साझा करते हुए कहा कि ‘आधे अधूरे सच से ज्यादा खतरनाक’ कुछ नहीं है.
गायक कैलाश खेर ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि देश को बदनाम करने के लिए भारत विरोधी किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं.
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