लखनऊ: वाराणसी की रहने वाली स्वतंत्र पत्रकार रिज़वाना तबस्सुम सोमवार सुबह अपने कमरे में मृत मिलीं. पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है. रिजवाना के शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वहीं बनारस के लोहता थाने में स्थानीय नेता शमीम नोमानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
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सीओ सदर अभिषेक पांडे के मुताबिक, रिजवाना के पिता की तहरीर पर लोहता निवासी शमीम नोमानी के खिलाफ धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है.
पुलिस का कहना है कि रिज़वाना अपने घर पर एक नोटिस बोर्ड पर ‘शमीम नोमानी जिम्मेदार हैं’ लिखकर छोड़ गई हैं.मामला प्रेम-प्रसंग से संबंधित भी हो सकता है. नाम न छापने की शर्त पर रिजवाना के एक दोस्त ने बताया कि शमीम और रिजवाना में काफी समय से दोस्ती थी लेकिन अचानक क्या हुआ इसकी किसी को जानकारी नहीं.
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उनके पिता ने दिप्रिंट से बताया कि सुबह देर तक रिजवाना का कमरा बंद था. उन्हें लगा कि शायद रात में देर तक किसी स्टोरी पर काम कर रही होंगी इसलिए देर से सोई होगी. 9 बजे के आसपास दरवाजा खटखटाया तो आवाज नहीं आई जिसके बाद वे घबरा गए. फिर पुलिस को सूचित किया गया. पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा तो रिजवाना का शरीर फांसी के फंदे पर झूल रहा था. ये देखते ही सब हैरान रह गए. पूरे घर में मातम छा गया.
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रिजवाना के पिता ने बताया कि नोटिस बोर्ड पर जो मिला उसी के आधार पर उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई है. रिजवाना के पिता के मुताबिक, उसने कभी किसी को कुछ बताया भी नहीं न ही उसकी किसी कोई दुश्मनी रही. वह एक अच्छी बेटी के साथ-साथ अच्छी पत्रकार भी थी.
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रिजवाना बनारस की युवा पत्रकार थीं. उन्होंने बीएचयू से पीजी डिप्लोमा हिंदी जर्नलिज्म किया था. वह दिप्रिंट हिंदी , द वायर समेत तमाम वेबसाइट्स के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर बनारस से लिखती थीं.
रिज़वाना ने दिप्रिंट हिंदी से पिछले एक साल से जुड़ी रहीं और इस दौरान उन्होंने मानवीय संवेदनाओं से जुड़ीं कई खबरें की.
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