नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में हाल के दिनों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
पंजाब में मंगलवार को पराली (खेतों में बचे फसल के अवशेष) जलाने की 26 घटनाएं दर्ज की गयीं।
हाल के आंकड़ों के अनुसार यद्यपि अधिकांश क्षेत्रों से मानसून वापस चला गया है, फिर भी पिछले 15 दिनों में पंजाब में पराली जलाने की कुल 155 घटनाएं, हरियाणा में 84 और उत्तर प्रदेश में छह घटनाएं दर्ज की गई हैं।
सोमवार को पंजाब में 10 और हरियाणा में पराली जलाने की एक घटना घटी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शाम चार बजे दिल्ली का 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 151 के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में था, जो सोमवार को 127 था।
इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से 2.9 डिग्री अधिक 26.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग ने दिल्ली में बुधवार को आसमान साफ रहने तथा अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 36 और 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
इस क्षेत्र में पराली जलाने का मौसम नवंबर में होता है और धान की पराली जलाने से उत्पन्न अत्यधिक धुएं के कारण आमतौर पर दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता में गिरावट आती है।
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