नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ कथित अत्याचार को लेकर बुधवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की और सुझाव दिया कि केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करना चाहिए।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद बनर्जी सदंशखालि में महिलाओं के कथित बलात्कार और उत्पीड़न में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की छत्रछाया में लंबे समय से महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर ऐसे मामलों में शामिल लोगों को बचाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री (खुद) एक महिला हैं और वह ऐसे मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पीड़ितों से मिलने जाने वालों को रोकती हैं। शेख शाहजहां को दोषी ठहराने के बजाय वह वहां जाने वाले अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को दोषी ठहरा रही है।’’
कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर सुंदरबन की सीमा स्थित संदेशखालि क्षेत्र में स्थानीय महिलाओं द्वारा फरार टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने तथा जबरदस्ती यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाने के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बनर्जी उनका बचाव कर रही हैं।
विहिप नेता ने कहा, “अब समय आ गया है कि केंद्र इस बात पर विचार करे कि क्या पश्चिम बंगाल में कानून का शासन है और क्या राज्य सरकार संविधान का पालन कर रही है। आरोप इतने गंभीर हैं कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करने का समय आ गया है।’’
भाषा सुरेश पवनेश
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