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Tuesday, 24 December, 2024
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वाराणसी में सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे को लेकर पार्टी सदस्यों ने विधान परिषद से बहिर्गमन किया

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लखनऊ, 30 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने वाराणसी में आठ मार्च को मतगणना स्थल से बाहर जा रही गाड़ियों से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) बरामद किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में पुलिस द्वारा सपा कार्यकर्ताओं व आम लोगों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।

शून्यकाल के दौरान सपा सदस्यों ने वाराणसी में मतगणना परिसर के बाहर जा रही एक गाड़ी से ईवीएम बरामद किए जाने का विरोध करने वाले सपा कार्यकर्ताओं और कुछ आम लोगों का पुलिस द्वारा कथित तौर पर उत्पीड़न किए जाने का मामला उठाया।

सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने कहा, “वाराणसी में विधानसभा चुनाव के बाद आठ मार्च की शाम पहड़िया मंडी स्थित मतगणना केंद्र से एक-एक कर तीन गाड़ियां जा रही थीं। शक होने पर सपा कार्यकर्ताओं ने तीसरी गाड़ी को रोककर देखा तो उसमें ईवीएम रखी थी। इससे सपा कार्यकर्ता भड़क गए।”

पटेल ने कहा, “जब यह मामला सोशल मीडिया पर छाया तो जगह-जगह लोग इसके खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने लगे। चुनाव परिणाम आने के बाद 11 मार्च को सरकार ने दो मुकदमे दर्ज कराए। जब कार्यकर्ता अदालत से अंतरिम जमानत पर छूट गए तो पुलिस ने उन पर और गंभीर धाराएं लगाकर दोबारा जेल भेज दिया।”

सपा नेता ने आरोप लगाया कि इस मामले में चुनाव आयोग ने अपर जिलाधिकारी को निलंबित भी किया था, जिससे यह प्रतीत होता है कि सरकार के इशारे पर जिले के अधिकारियों ने चुनाव प्रक्रिया में घोर अनियमितताएं बरतीं।

उन्होंने कहा कि अपर जिलाधिकारी के निलंबन के बावजूद पुलिस बिना किसी साक्ष्य के अब भी सपा के लोगों को गिरफ्तार कर रही है, जिससे प्रदेश के नागरिकों में सरकार के प्रति रोष है, इसलिए जनहित के इस विषय पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराई जाए।

सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा और मान सिंह यादव ने सूचना की ग्राह्यता पर बल दिया।

नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद शासन ने सूचना जारी कर कहा था कि अगर किसी प्रत्याशी को आशंका है कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी की जा सकती है तो वह मतगणना केंद्र के सामने निगरानी के लिए बैठ सकता है। उन्होंने कहा कि इसी आदेश के आधार पर वाराणसी में सपा कार्यकर्ता ईवीएम की निगरानी कर रहे थे।

यादव ने कहा, “यह भी स्पष्ट आदेश है कि अगर ईवीएम को कहीं ले जाया जा रहा है तो इसकी सूचना सभी प्रत्याशियों को दी जाएगी। वाराणसी के मंडलायुक्त ने खुद स्वीकार किया कि बिना प्रत्याशियों को सूचित किए ईवीएम निकाला जाना गलत है।”

उन्होंने कहा, “उस समय ईवीएम की सुरक्षा के प्रभारी रहे अपर जिलाधिकारी को चुनाव आयोग ने निलंबित भी कर दिया था। ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि सपा कार्यकर्ताओं का क्या दोष था, जो उन पर मुकदमे दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। इस समय सपा के 28 कार्यकर्ता इस मामले में जेल में बंद हैं।”

नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा, “सपा को लग रहा था कि वह सत्ता में आ रही है। सपा कार्यकर्ता जिलाधिकारी तक की गाड़ी रोककर उनकी तलाशी ले रहे थे।”

उन्होंने कहा, “सपा सदस्यों ने वाराणसी की जिस घटना का जिक्र किया है, उसमें वाहन द्वारा कुछ ईवीएम मशीनों को ले जाया जा रहा था, जिस पर मतगणना स्थल पर उपस्थित विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने वाहन को रोककर उसमें ईवीएम ले जाए जाने पर आपत्ति जताते हुए विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस प्रदर्शन को सोशल मीडिया पर प्रसारित करके लोगों को मतगणना स्थल तक आने के लिए उकसाया जाने लगा।”

सिंह ने कहा, “इसके परिणामस्वरूप शहर के संवेदनशील इलाकों में विभिन्न स्थानों पर जाम लगाकर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। जैतपुरा थाना क्षेत्र में गोलगड्डा तिराहे पर प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर जान से मारने की नीयत से पथराव किया गया और उन पर कांच की बोतलें भी फेंकी गईं। घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।”

उन्होंने कहा कि मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। सिंह के मुताबिक, मतगणना स्थल के बाहर अत्यधिक संख्या में प्रदर्शनकारियों के एकत्रित हो जाने से कानून-व्यवस्था की अत्यंत गंभीर स्थिति पैदा हो गई।

उन्होंने कहा कि वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक के वाहन पर पथराव किया गया, जिससे उनके वाहन चालक हेड कांस्टेबल लालता प्रसाद यादव को गंभीर चोटें आईं।

सिंह ने बताया कि वाहन में मिली ईवीएम की पड़ताल की गई, जिसके बाद स्पष्ट किया गया कि वे मशीनें प्रशिक्षण के उद्देश्य से ले जाई जा रही थीं, जिनका निर्वाचन प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं था।

सिंह ने स्पष्ट किया कि उपद्रव के मामलों में दर्ज मुकदमों में किसी पार्टी विशेष के कार्यकर्ताओं को निशाना नहीं बनाया जा रहा है, बल्कि शामिल उपद्रवियों की गिरफ्तारी साक्ष्यों के आधार पर हो रही है।

इस पर सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने नेता सदन पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। इसके बाद सपा के सभी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। बाद में सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कार्य स्थगन की सूचना को अस्वीकार कर दिया।

भाषा

सलीम

मनीषा पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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