नई दिल्लीः एक तरफ तो बेटा खोने का गम और दूसरी तरफ उसकी लाश पाने के लिए भीख मांगने की शर्मिंदगी. यह कहानी है बिहार के समस्तीपुर के महेश ठाकुर की जिन्हें समस्तीपुर के सदर अस्पताल से अपने बेटे संजीव ठाकुर की लाश को पाने के लिए जगह-जगह भीख मांगनी पड़ी लोगों के सामने हाथ फैलाना पड़ा. वजह थी- रिश्वत. अस्पताल के ही किसी कर्मचारी ने कथित रूप से महेश के बेटे की लाश को उसे देने के लिए 50 हजार रुपये के रिश्वत की मांग की थी.
महेश के पास इतने रुपये नहीं थे इसलिए उसने और उसकी बीवी ने भीख मांगना शुरू कर दिया. महेश ठाकुर ने बताया कि उनका बेटा संजीव ठाकुर पिछले महीने के आखिर से ही गायब था. अचानक उसे मुसरीघरारी थाना से एक कॉल आई और बताया गया कि उसके बेटे की लाश सदर अस्पताल, समस्तीपुर में है.
जब वह पहुंचे तो अस्पताल के शव गृह के कर्मचारी ने शव दिखाने में आना-कानी की बाद में काफी बहस और मान मनुऔल के बाद उसने शव तो दिखाया लेकिन कर्मचारी ने लाश को रिलीज करने के लिए उससे 50 हजार रुपये की मांग की. महेश ने कहा, ‘हम गरीब लोग हैं आखिर हम इसे कैसे चुकाएंगे.’
एडीएम ने रिश्वत की बात को नकारा
मामला तूल पकड़ने पर अधिकारियों और नेताओं ने बयान देने शुरू कर दिए. समस्तीपुर के सिविल सर्जन डॉक्टर एसके चौधरी ने कहा- ‘हम लोग निश्चित रूप से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे और जो लोग भी जिम्मेदार पाए जाएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.’
जब दिप्रिंट ने मामले की पड़ताल के लिए प्रशासन से संपर्क साधा तो एडीएम समस्तीपुर विनय कुमार राय जो इस मामले की जांच कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि, ‘अभी तक की जांच के मुताबिक रिश्वत मांगे जाने वाली बात सही नहीं प्रतीत होती है.’
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी क्लोजिंग रिपोर्ट नहीं लगाई गई है और स्थानीय स्तर पर व अस्पताल के अन्य कर्मचारियों से इस बारे में अभी पूछताछ की जाएगी.
उन्होंने कहा कि अस्पताल के एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी नागेंद्र मलिक के ऊपर परिजनों ने रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. राय ने कहा, ‘जांच पूरी होने पर अगर किसी को भी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
राय ने दिप्रिंट को बताया, ‘मामला समस्तीपुर के ताजपुर थाना क्षेत्र का है और परिजनों को ससम्मान लाश सुपुर्द की जा चुकी है.’
लाश दिखाने के लिए भी मांगी रिश्वत
हालांकि, सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें महेश ठाकुर कुछ और ही कहानी बता रहे हैं. महेश ठाकुर ने बताया कि, ’25 मई को संजीव लापता हो गया उसके बाद मुसरी घरारी गांव में पहुंचा जहां दो-चार दिन बाद उसकी मौत हो गई. मरने के बाद वहां के लोगों ने थाने में शिकायत की तो मुसरी घरारी थाने वालों ने लाश वहां से लाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जब पता लगा तो हम अस्पताल पहुंचे. लेकिन पोस्टमार्टम वाले आदमी ने कहा कि वह (लाश) लूला-लंगड़ा है और सिर वगैरह ऐंठा हुआ है.
समस्तीपुर के महेश ठाकुर जो बेटे के शव को अस्पताल से प्राप्त करने के लिए भीख मांगते दिखे..वो बता रहे कब कैसे क्या हुआ किसने मदद किया किसने पैसे मांगे।
स्वाथ्य मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए है देखना है आरोपी और आरोपी के कंधे से कंधे मिलाकर खड़े होने वाले अधिकारी का क्या होता है। pic.twitter.com/bOQ49IML23
— Mukesh singh (@Mukesh_Journo) June 9, 2022
आगे महेश ने बताया कि, ‘मेरे सिफारिश करने पर एक सिपाही ने उस कर्मचारी से कहा कि दिखा दो लाश तो वह लाश दिखाने को तैयार हुआ लेकिन उसने इसके लिए मुझसे 50 रुपये मांगे. महेश ने कहा कि उसने कर्मचारी को 50 रुपये दे दिए पर जब मैंने उससे लाश मांगी तो कर्मचारी ने इसके लिए 50 हजार रुपये की मांग की.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने भी कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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