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Wednesday, 24 April, 2024
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सर्वे में दावा- महाराष्ट्र में 62% माता-पिता 24 जनवरी से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते

यह सर्वेक्षण महाराष्ट्र के सभी जिलों में किया गया और इसमें 4,976 लोगों को शामिल किया गया. जवाब देने वालों में 67 प्रतिशत पुरुष थे और 33 प्रतिशत महिलाएं थीं.

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि 24 जनवरी यानी सोमवार से राज्य में स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है. लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल के एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि महाराष्ट्र के दो-तिहाई मां-बाप अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते.

सर्वे में कहा गया है, ’15 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका नहीं लगाया गया है और 15-18 साल की उम्र के बीच के बच्चों को केवल आंशिक रूप से टीका लगाया गया है. ओमीक्रॉन तेजी से फैलने वाला है. कई माता-पिता बच्चों को व्यक्तिगत रूप से स्कूलों में भेजने के बारे में चिंतित हैं.’

यह सर्वेक्षण महाराष्ट्र के सभी जिलों में किया गया और इसमें 4,976 लोगों को शामिल किया गया. जवाब देने वालों में 67 प्रतिशत पुरुष थे और 33 प्रतिशत महिलाएं थीं. 44 फीसदी टियर-1 शहरों से, 31 फीसदी टियर-2 शहरों से और 25 फीसदी टियर-3 और 4 कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों से थे.

उनसे से पूछा गया कि क्या वे 24 जनवरी से अपने बच्चों को स्कूलों में भेजेंगे? इसके लिए 62 प्रतिशत अभिभावकों ने ‘नहीं’ में उत्तर दिया, 11 प्रतिशत ने कहा कि वे ऐसा करेंगे जबकि 16 प्रतिशत ने कहा कि वे पहले से ही अपने बच्चों को कक्षाओं में भाग लेने के लिए स्कूलों में भेज रहे थे.

रिपोर्ट में पाया गया है कि कई माता-पिता चाहते हैं कि राज्य का कोविड पाजिविटी 5 प्रतिशत से नीचे आ जाए उसके बाद ही वे अपने बच्चों को स्कूल भेज सकेंगे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को महाराष्ट्र में सकारात्मकता दर लगभग 20 प्रतिशत थी और राज्य में 46,393 मामले दर्ज किए गए थे.

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सर्वे में कहा गया है, ‘चर्चाओं में कई लोगों ने कोरोना से लंबे समय के लिए होने वालों प्रभावों के बारे में बताया और यह भी कहा कि जब पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम हो जाएगा तभी वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार होंगे.’

स्थानीय निकायों का फैसला अंतिम

महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर के बीच, प्री-प्राइमरी कक्षाओं सहित स्कूल 24 जनवरी से फिर से शुरू होंगे। इससे पहले राज्य सरकार ने 15 फरवरी के बाद ही स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया था.

हालाँकि, सरकार ने यह भी कहा है कि स्थानीय निकायों के पास अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड -19 स्थिति के आधार पर, स्कूलों को फिर से खोलने पर निर्णय लेने की अंतिम शक्ति है.

हालाँकि, यह कदम स्कूलों के फिर से खुलने के बाद किसी भी छात्र को ऑफ़लाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं करता है. इसके अलावा, पुणे और औरंगाबाद में, स्कूल ऑनलाइन मोड में काम करना जारी रखेंगे.

महाराष्ट्र ने शुक्रवार को 48,270 नए कोविड मामले और 52 मौतों की सूचना दी थी. उस दिन राज्य की कोविड सकारात्मकता दर 23.4 प्रतिशत थी.

( इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )


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