मुंबई, 23 अगस्त (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मुंबई के छात्रों ने चंद्रयान-2 मिशन से एकत्र किए गए आंकड़ों का उपयोग करके चंद्रमा की सतह के रसायन विज्ञान का सफलतापूर्वक मानचित्रण किया है। शनिवार को यह जानकारी दी गई।
आईआईटी मुंबई ने एक बयान में कहा कि यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के यू. आर. राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) द्वारा ‘इंटर-आईआईटी टेक मीट’ के दौरान दी गई चुनौती का हिस्सा था।
चंद्रमा की रक्षा के लिए कोई वायुमंडल नहीं है और यह लगातार सूर्य से आने वाली किरणों से प्रभावित होता रहता है। जब ये किरणें चंद्रमा की सतह से टकराती हैं, तो वहां मौजूद तत्व अपना अनूठा प्रकाश उत्सर्जित करते हैं।
इससे वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि चंद्रमा किस चीज से बना है।
आईआईटी की विजेता टीम के प्रमुख छात्र रवि कुमार ने कहा, “इसरो के प्रमुख चंद्रयान मिशन की जानकारी के साथ काम करना एक साथ रोमांचक अनुभव था। हर कदम पर ऐसा लग रहा था जैसे हम किसी अभूतपूर्व चीज में योगदान दे रहे हैं। यह एक ऐसा अनुभव था जिसने हमें भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण विरासत से सीधे तौर पर जोड़ दिया।।”
भाषा जोहेब माधव
माधव
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