चेन्नई, 18 फरवरी (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने तमिलनाडु के तिरुनलवेल्ली जिले के अयानकुलम गांव में बाढ़ और सूखा प्रबंधन/शमन के लिए भूजल रीचार्ज प्रौद्योगिकी लागू करने के वास्ते सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है।
संस्थान ने बृहस्पतिवार को बताया कि आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर वेंकटरमन श्रीनिवासन के नेतृत्व में एक टीम पिछले साल दिसंबर में गांव में कृषि के लिए खोदे गए एक कुएं का अध्ययन करने गयी थी। स्थानीय लोगों का दावा था कि इस कुएं में कुछ सप्ताह तक रीचार्ज होने से प्रति सेकेंड करीब 1,500-2,500 लीटर पानी भरा, लेकिन पानी बाहर नहीं बहा।
कुएं में यह पानी पास में स्थित एक लघु सिंचाई टैंक से ओवरफ्लो होने के कारण आ रहा था, जो नवंबर-दिसंबर 2021 में मानसून की रिकॉर्ड बारिश के कारण क्षमता से अधिक भर गया था।
टीम ने इस कुएं के साथ-साथ अन्य कुओं की क्षमताओं का भी अध्ययन किया ताकि उनका उपयोग बाढ़ के दौरान भूजल को रीचार्ज करने और गर्मी के सूखे दिनों में उनमें से पानी निकालने में किया जा सके।
प्रस्ताव में त्वरित रीचार्ज तकनीक लागू करने की सिफारिश की गई है। तकनीक विकसित होने के बाद यह सूखा बौर बाढ़ शमन सहित कई अन्य लाभ दे सकता है, वाष्पीकरण से होने वाले नुकसान से बचते हुए जल संग्रहण के लिए बांध बनाए जा सकते हैं, पूरे क्षेत्र में पानी का स्वचालित एवं समान वितरण किया जा सकेगा, इससे फिल्टर और स्वच्छ जल भी प्राप्त किया जा सकेगा और तटवर्ती क्षेत्रों में खारे पानी के प्रवेश को भी रोका जा सकेगा।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस परियोजना का प्रस्ताव तिरुनलवेली जिला प्रशासन को सौंपा गया है। प्रशासन ने आईआईटी से इसका अध्ययन करने का अनुरोध किया था। विज्ञप्ति के अनुसार, स्थानीय लोग इस कुएं को चमत्कारी मान रहे थे, क्योंकि इस दर से रीचार्ज होने पर कोई भी कुआं भर जाएगा और ओवरफ्लो होने लगेगा। स्थानीय लोग इस तरीके का उपयोग करके मानसून के दौरान दशकों से भूजल रीचार्ज कर रहे हैं।
टीम के अनुसार, ग्रामीणों का दावा है कि इस तरह भूजल रीचार्ज से 10-15 किलोमीटर के दायरे में स्थानीय जलस्तर में सुधार हुआ है।
भाषा अर्पणा मनीषा
मनीषा
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