चेन्नई, 10 जून (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (जेपीएल) के अनुसंधानधकर्ता अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में बहु-दवा प्रतिरोधी रोगजनकों पर अध्ययन कर रहे हैं जिनका पृथ्वी पर और अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण अनुप्रयोग हो सकता है।
आईआईटी मद्रास ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अनुसंधानकर्ताओं ने आईएसएस के भीतर सतहों पर पाए जाने वाले प्रचलित नोसोकोमियल (अस्पताल से प्राप्त संक्रमण) संबंधी रोगजनक ‘एंटरोबैक्टर बुगांडेंसिस’ पर विशेष ध्यान देने के साथ बहु-दवा प्रतिरोधी रोगजनकों में देखे गए जीनोमिक, कार्यात्मक और चयापचय संवर्धन को समझने के लिए एक व्यापक अध्ययन किया।
पारंपरिक चिकित्सा सुविधाओं तक सीमित पहुंच के साथ परिवर्तित प्रतिरक्षा स्थितियों में काम करने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष अभियानों के दौरान कठिन स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘वर्तमान अध्ययन अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और रोगजनकों से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए अंतरिक्ष वातावरण में सूक्ष्मजीवों की रोगजनक क्षमता की जांच करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देता है।’’
भाषा नेत्रपाल माधव
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