scorecardresearch
Wednesday, 1 May, 2024
होमदेशअपराधफ़ातिमा लतीफ़ की आत्महत्या से जुड़ी रिपोर्ट में 'धार्मिक भेदभाव' पर ख़ामोश आईआईटी मद्रास

फ़ातिमा लतीफ़ की आत्महत्या से जुड़ी रिपोर्ट में ‘धार्मिक भेदभाव’ पर ख़ामोश आईआईटी मद्रास

मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दी गई अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने कहा कि फ़ातिमा एक बेहतरीन छात्रा थी, जिसने एक विषय के अलावा सभी में बहुत अच्छे नंबर हासिल किए थे.

Text Size:

नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास की छात्रा फ़ातिमा लतीफ़ की आत्महत्या के बाद मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दी गई अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने कहा कि फ़ातिमा एक बेहतरीन छात्रा थी जिसने एक विषय के अलावा सभी विषयों में बहुत अच्छे नंबर हासिल किए थे. एक विषय में अच्छे नंबर हासिल नहीं करना उसके तनाव का कारण बना.

हालांकि, रिपोर्ट में छात्रा के साथ कथित तौर पर हुए ‘धार्मिक भेदभाद’ को लेकर कुछ नहीं कहा गया, ये ख़ुलासा प्रिंट द्वारा हासिल किए गए रिपोर्ट के कुछ हिस्सों से हुआ है. ऐसे आरोप थे कि छात्रा को धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ा था. लेकिन संस्था ने अपनी रिपोर्ट में उसके बारे में कुछ भी नहीं लिखा है.

आईआईटी मद्रास में मास्टर्स के पहले साल की छात्रा लतीफ़ ने ख़ुद को पंखे से लटका लिया था और अपनी जान दे दी थी. छात्रा ने 9 नवंबर को अपने हॉस्टल रूम में आत्महत्या कर ली थी. परिवार का आरोप रहा है कि छात्रा को संस्थान में धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था जिसकी वजह से उसने जान दे दी.

परिवार के आरोपों को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने आईआईटी से मामले में रिपोर्ट सौंपने को कहा था. ये रिपोर्ट पिछले महीने मंत्रालय को सौंपी गई थी. मंत्रालय में रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें सौंपी गई रिपोर्ट में लिखा था कि लतीफ़ एक मेघावी छात्रा थी और उसने एक विषय के अलावा बाकी के विषयों में काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया था जो उसके तनाव का कारण बन गया.’


यह भी पढ़ेंः मद्रास आईआईटी की छात्रा फ़ातिमा लतीफ़ की आत्महत्या के पीछे प्रोफेसरों का धार्मिक पूर्वाग्रह : परिवार


मंत्रालय में एक और वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को इस बात की जानकारी दी कि रिपोर्ट मंत्रालय के पास है. उन्होंने इस बात पर भी मुहर लगाई कि इसमें धर्म को लेकर कोई बात नहीं है. नाम नहीं लिखने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘ना तो रिपोर्ट में ना ही एफ़आईआर में, कहीं भी धर्म का ज़िक्र नहीं है. ऐसे आरोप परिवार ने लगाए थे.’

दिप्रिंट ने शिक्षा मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता से रिपोर्ट जमा किए जाने और इसमें मौजूद बातों को लेकर प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति ने दिप्रिंट से कहा, ‘आपको जानकारी होगी की फ़ातिमा लतीफ़ के मामले की जांच तमिलनाडु पुलिस कर रही है और इसमें सीबीआई भी शामिल है. हम जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं और नतीजे का इंतज़ार कर रहे हैं.’

लतीफ़ के परिवार ने आरोप लगाया था कि उसे संस्था में धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था. लतीफ़ के पिता अब्दुल लतीफ़ ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान उन्होंने मामले की गंभीरता से जांच की मांग उठाई थी. इस मांग के बाद सीबीआई मामले की जांच कर रही है.

लतीफ़ की बहन आयशा ने बताया था कि उसे अपनी बहन के फ़ोन में ऐसे नोट्स मिले हैं जिनसे लगता है कि पिछले लगभग डेढ़ महीने से अवसाद से ग्रसित थी. पहले हुई बातचीत में आयशा ने दिप्रिंट से कहा था, ‘मैंने उसके फ़ोन में कई नोट्स देखे जिनसे लगा कि वो पिछले डेढ़ महीने से अवसाद से ग्रसित थी.’

इस वजह से परिवार को लगा कि लतीफ़ को आईआईटी में प्रताड़ित किया जा रहा था. परिवार के मुताबिक लतीफ़ ने अपने नोट्स में उन प्रोफेसरों का भी नाम बताया था जो उसे प्रताड़ित कर रहे थे.

share & View comments