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Wednesday, 8 May, 2024
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मद्रास आईआईटी की छात्रा फ़ातिमा लतीफ़ की आत्महत्या के पीछे प्रोफेसरों का धार्मिक पूर्वाग्रह : परिवार

फ़ोन से मिली जानकारी के आधार पर परिवार का आरोप है कि उनकी बेटी को एक मुस्लिम होने की वजह से प्रताड़ित किया गया.

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नई दिल्ली : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी (आईआईटी) मद्रास में मास्टर्स की पहले साल की पढ़ाई कर रही फ़ातिमा लतीफ़ ने पिछले हफ़्ते अपनी जान दे दी. ताज़ा अरोपों में परिवार का कहना है उनकी बेटी ने धार्मिक भेदभाव से तंग आकर जान दी है.

फ़ातिमा आईआईटी-एम में ह्यूमैनिटीज़ डिपार्टमेंट में पढ़ाई कर रही थीं और उन्हें एक तेज़-तर्रार छात्र माना जाता था. वो 9 नवंबर को अपने कमरे में एक सीलिंग फ़ैन से झूलती मिलीं. उन्होंने किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था, लेकिन उनके परिवार वालों को उनके मोबाइल फ़ोन पर कुछ नोट मिले जिनमें फ़ातिमा ने कुछ प्रोफ़ेसरों पर अतिवादी रवैया का आरोप लगाया है.

फ़ातिमा ने प्रोफ़ेसर सुदर्शन पद्मनाभन और प्रोफ़ेसर मिलिंद ब्रह्मे के नामों का ज़िक्र किया है. दोनों ही ह्यूमैनिटीज़ डिपार्टमेंट में पढ़ाते हैं जिसकी वो छात्रा थीं. प्रोफ़ेसर पद्मनाभन डिपार्टमेंट में फिलासफ़ी के प्रोफ़ेसर हैं और उनके पास दो पीएचडी की डिग्री है. प्रोफ़ेसर ब्रह्मे का ताल्लुक जेएनयू से रहा है. दोनों के छात्र उनका काफ़ी सम्मान और उनकी ख़ूब तारीफ़ करते हैं.

फ़ोन से मिली जानकारी के आधार पर परिवार का आरोप है कि उनकी बेटी को एक मुस्लिम होने की वजह से प्रताड़ित किया गया. फ़ातिमा के पिता अब्दुल लतीफ़ ने कहा, ‘वो अपने पेपर की फ़िर से जांच कराकर ख़ुद को मिले नंबर बढ़वाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके प्रोफ़ेसरों ने उसका साथ नहीं दिया. उल्टे उन्होंने उसे प्रताड़ित करके उसका अपमान किया. हमें इस बात का शक है कि उसे धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा था और चाहते हैं कि मामले की इसी आधार पर जांच की जाए.’


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ऐसे आरोपों को कैंपस के छात्रों का समर्थन मिला है और छात्र समुदाय प्रशासन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहा है और बिना भेदभाव के जांच की मांग कर रहा है.

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प्रदर्शन का हिस्सा बने आईआईटी-एम के एक छात्र ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि प्रशासन मामले की निष्पक्ष जांच करे. फ़ातिमा के परिवार ने कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं और इनकी जांच होनी चाहिए. हम चाहते हैं कि प्रशासन कैंपस में हो रही आत्महत्याओं पर ग़ौर करे.’

छात्र ने कहा कि पिछले दिसंबर से अब तक कैंपस में चार अत्महत्याएं हुई हैं और छात्र समुदाय के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है. छात्रों चाहते हैं कि एक आंतरिक जांच की जाए ताकि पता चले सके कि ऐसी आत्महत्याओं का क्या कारण है.

फ़ातिमा के फ़ोन से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि वो अपने परिवार से बहुत प्यार करती है और उसका परिवार उसके लिए सब कुछ है. अंत में उसने प्रोफ़ेसर सुदर्शन पद्मनाभन को अपनी मौत का ज़िम्मादर ठहराया है. परिवार द्वारा फ़ोन से निकले गए नोट में बाकी के दो प्रोफेसरों का नाम सामने आया है.


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लतीफ़ के परिवार ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से अपील की है कि उनकी बेटी की आत्महत्या के मामले की निष्पक्ष जांच की जाए.

पिता ने पुलिस को बताया है कि आत्महत्या के दिन उनकी बेटी ने कहा था कि वो अपना फ़ोन स्विच ऑफ़ करके पढ़ाई करने जा रही है, लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें हॉस्टल वॉर्डन का फ़ोन आया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है.

एक छोटे से बयान में आईआईटी मद्रास ने छात्रा के निधन पर गहरा शोक और दुख व्यक्त किया है. बयान में कहा गया, ‘आईआईटी मद्रास के शिक्षक, स्टाफ और छात्र मृतक के परिवार, दोस्तों और अन्य करीबियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं. परिवार और संस्थान को हुई इस क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती. मृतक की आत्मा को शांति मिले.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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