नई दिल्ली: दो आईआईटी संस्थानों द्वारा 1900 लोगों पर किए गए सर्वे में बात निकलकर सामने आई है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से फ़ायदा हुआ है. ये सर्वे आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी बॉम्बे ने मिलकर किया है. इसमें अन्य बातें भी निकलकर सामने आई हैं.
रिर्सचर्स का मानना है, ‘सरकार द्वारा किए गए लॉकडाउन से कोरोनावायरस के फ़ैलने का ख़तरा कम हुआ है.’ इसकी वजहों की चर्चा करते हुए उन्होंने बसों, मेट्रो और रेल में भीड़ कम होने जैसी बातों पर ज़ोर दिया.
आईआईटी हैदराबाद और आईआआईटी बॉम्बे द्वारा किए गए इस सर्वे में लोगों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया, जिससे ये भी पता चला कि टियर 1 के शहरों में टियर 2 और टियर 3 के शहरों की तुलना में ज़्यादा जागरुकता है. दोनों ही संस्थानों के रिसर्चर्स ने लोगों के सफ़र पर लॉकडाउन के असर का अध्ययन किया है.
सर्वे को ये समझने के लिहाज़ से अहम बताया गया है कि कोविड- 19 जैसी महामारी के समय जब सफर का साधन चुनने की बारी आती है तो लोग कौन से सफर के साधन को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं.
इसमें इस बात का विश्लेषण किया गया है कि भारत में कोविड- 19 के फैलने के तीसरे हफ्ते में लोगों द्वारा सफर करने के तरीके और दूसरों से मिलने जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले साधन से जुड़े व्यवहार में क्या बदलाव आए.
सफर से जुड़े व्यवहार का ये डेटा ऑनलाइन प्रश्नावली के जरिए हासिल किया गया. जैसा कि बताया जा चुका है कि इसमें 1900 लोगों ने हिस्सा लिया है. इसमें टियर 1 के सबसे ज़्यादा (63.6 प्रतिशत), फिर टियर 2 से (20.6 प्रतिशत) और टियर 3 से (15.8 प्रतिशत) लोगों ने हिस्सा लिया.
टियर 1 के शहरों से मिली जानकारी के मुताबिक ऑउटब्रेक के तीसरे हफ्ते में 12 प्रतिशत लोग पब्लिक की जगह प्राइवेट ट्रांस्पोर्ट का इस्तेमाल करने लग गए. टियर 1 में ये 9 प्रतिशत और टियर 2 में ये 7 प्रतिशत रहा. हालांकि, इनमें से 48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि तीसरे हफ्ते में उन्होंने काम के लिए सफर नहीं किया.
बाकी के 28 प्रतिशत फिर भी अपने काम के लिए सफर करते रहे. एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए टिकट कैंसल करने से जुड़े सवालों के जवाब में 18 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने अपनी फ्लाइट कैंसल करवा दी, जबकि 20 प्रतिशत ने उनके ट्रेन की बुकिंग कैंसल करवा दी.
सर्वे में हिस्सा लेने वालों से ये भी पूछा गया था कि इस वायरस के आउटब्रेक की स्थिति में वो किस तरह के सफर के जरिए को प्राथमिकता देते हैं.
इस सवाल के जवाब में 93 प्रतिशत लोगों का कहना था कि ऐसे समय में वो सार्वजनिक माध्यमों की जगह निजी माध्यम से सफर करने को प्राथमिकता देते हैं. इन सवालों के जवाब में मिली जानकारी को आधार मानकर रिसर्चर्स का कहना है कि सरकरा द्वारा लिए गए लॉकडाउन के फ़ैसले से वायरस का फैलाव में कमी आई है.
हालांकि, उन्होंने ये सलाह भी दी है कि छोटे शहरों में जागरुकता की कमी है. इसे ध्यान में रखते हुए वहां जागरुकता फैलना पर ज़ोर दिया जाना चाहिए.