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सोमवार, 26 मई, 2025
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जीएं तो जीएं कैसे बिन आपके : नहीं रहे प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास

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मुंबई, 26 फरवरी (भाषा) दिल की रगों को चीरते दर्द, इश्क में डूबी उदास शामों और मुहब्बत की रूबाइयों को अपनी मखमली, लरजती आवाज का सहारा देने वाले मशहर गजल गायक पंकज उधास सोमवार को अपने लाखों चाहने वालों को छोड़कर चले गए ।

‘चांदी जैसा रंग है तेरा’, ‘इक तरफ उसका घर’ ‘चिट्ठी आई है’ , ‘आहिस्ता कीजिए बातें’ और ‘जीएं तो जीएं कैसे’ जैसे लोकप्रिय फिल्मी गीतों तथा मशहूर गजलों से अपने चाहने वालों के दिलों में उतरने वाले पंकज उधास का सोमवार को यहां निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। यह जानकारी उनकी बेटी नयाब ने दी।

वह 72 वर्ष के थे।

एक पारिवारिक सूत्र ने बताया कि पंकज उधास ने ब्रीच कैंडी अस्पताल में पूर्वाह्न 11 बजे अंतिम सांस ली।

उधास ने ‘दयावान’, ‘नाम’, ‘साजन’ और ‘मोहरा’ सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई थी।

नयाब ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट किया, ‘‘बहुत भारी मन से, हम आपको 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के कारण पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की सूचना दे रहे हैं।’’

ब्रीच कैंडी अस्पताल ट्रस्ट ने एक नोट में लिखा, ‘‘यह न केवल निजी क्षति है, बल्कि पूरे देश ने एक मशहूर गायक और महान व्यक्तित्व को खो दिया है।’’

पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।

उनके परिवार में पत्नी फरीदा और बेटियां रेवा तथा नयाब हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उधास के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पद्मश्री और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित पंकज उधास जी ने संगीत को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात गजल गायक के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह भारतीय संगीत के ऐसे प्रकाशस्तंभ थे, जिन्होंने अपनी आवाज से हर पीढ़ी के लोगों को मंत्रमुग्ध किया।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनके गायन से अनेक भाव व्यक्त होते थे और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह भारतीय संगीत के प्रकाशस्तंभ थे, जिनकी धुन ने हर पीढ़ी के लोगों को मंत्रमुग्ध किया। मुझे उनके साथ हुई अपनी विभिन्न बातचीत याद हैं। उनके जाने से संगीत की दुनिया में एक ऐसा शून्य पैदा हुआ है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उधास के निधन पर शोक जताया।

उधास को तलत अजीज और जगजीत सिंह जैसे कलाकारों के साथ गजल गायकी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने अपनी पहली एलबम ‘आहट’ 1980 में जारी की थी और चार दशक के कॅरियर में 50 से अधिक एलबम जारी कीं। ये उनके पार्श्व गायक के रूप में गाये गीतों से अलग थीं।

उनके सबसे मशहूर गीतों और गजलों की बात करें तो ‘ना कजरे की धार’, ‘ऐ गमे जिंदगी कुछ तो दे मशवरा’, ‘मैखाने से शराब से’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल’, ‘आज फिर तुम पे प्यार आया है’, ‘मोहब्बत इनायत करम देखते हैं’, ‘जानेमन करवटें बदल बदल’ प्रमुख हैं।

उधास गज़लों का दूसरा नाम थे। रेख्ता डॉट कॉम के अनुसार गज़ल एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ‘महबूब से बातें करना’।

उधास के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार वह गज़ल गायक के साथ ही कला प्रेमी, पाठक थे। उन्हें अलग-अलग जगहों पर जाने का और तरह-तरह के व्यंजन खाने का शौक था।

उनके फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा है, ‘‘मैं गज़लों के अलावा बीटल्स को सुनता हूं।’’

उन्हें 2006 में पद्मश्री से नवाजा गया था। ‘एक्स’ पर उनके परिचय के अनुसार वह विज्ञान स्नातक थे और थैलेसेमिया के उन्मूलन के लिए काम कर रहे थे।

गुजरात के राजकोट में संगीतज्ञों के परिवार में जन्मे उधास के पिता केशूभाई उधास वाद्ययंत्र ‘दिलरुबा’ बजाते थे। उनके दो बड़े भाई मनहर उधास और निर्मल उधास भी जानेमाने गायक हैं।

अभिनेता शाहरुख खान ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उन्होंने अपनी पहली कमाई उधास के एक कॉन्सर्ट में मेहमानों का स्वागत करने के काम के लिए हासिल की थी और इसमें से 50 रुपये से आगरा जाकर ताज महल देखा था।

अभिनेता जॉन अब्राहम सबसे पहले 1999 में उधास की एलबम ‘महक’ में दिखाई दिए थे और उसके बाद मशहूर हो गए।

उधास के निधन पर सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शोक जताते हुए कहा, ‘‘पंकज उधास जी के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ। उनके 4 दशकों से अधिक के कॅरियर ने हमारे संगीत उद्योग को समृद्ध किया और हमें गज़लों की कुछ सबसे यादगार और मधुर प्रस्तुतियां दीं।’’

मशहूर गायक और उधास के मित्र अनूप जलोटा, गायिका अनुराधा पौडवाल, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, गायक दलेर मेहंदी आदि ने भी उधास के निधन पर शोक जताया।

भाषा वैभव नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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