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Monday, 23 December, 2024
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किसान आंदोलन को राजनीति से दूर रखेंगे तो किसानों का भला होगा- नितिन गडकरी

नितिन गडकरी ने कृषि कानून में बदलाव को लेकर कहा, राजनीतिक पार्टियां बताएं, किसान संगठन या किसान बताएं हम वो बदलाव करने के लिए तैयार हैं. इस विषय को सब राजनीति से दूर रखेंगे तो किसानों की भलाई होगी.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं लेकिन इस बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है.

किसानों को ​तीनों कानूनों पर चर्चा करनी चाहिए, हमारे कृषि मंत्री इसके लिए तैयार हैं. कुछ तत्व ऐसे हैं जो इस आंदोलन का फायदा लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में गडकरी ने यह भी कहा, ‘हमारी सरकार गांव, गरीब, मज़दूर, किसान के हितों के ​लिए समर्पित है, जो भी नए सुझाव वो(किसान) देंगे उसे स्वीकारने के लिए तैयार है, हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा.’

‘राजनेताओं को राजनीति का अधिकार’

किसान आंदोलन में तेजी से कई राजनीतिक पार्टियों के समर्थन दिए जाने पर, केंद्रीय मंत्री ने कहा राजनीतिक पार्टियों को राजनीति करनी चाहिए लेकिन जिस विषय पर राजनीति कर रहे हैं उसमें दूसरों का अहित न हो इसका ख्याल भी रखना चाहिए. किसान के मामले को राजनीति से दूर रखें तो किसानों की भलाई होगी. बता दें कि दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर किसान कृषि बिल को वापस लिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

सोमवार को जहां किसान संगठनों के प्रमुखों ने सुबह 8 से शाम 5 बजे तक का उपवास रखा वहीं आनेवाले दिनों में हाईवे जाम की भी धमकी दी है. किसान आंदोलन को कई राजनीतिक पारियों ने सर्मथन दिए जाने की बात कही है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी उपवास रखा था.

गडकरी ने कहा, ‘राजनीतिक नेताओं का राजनीति करने का अधिकार है. सही बात राजनीतिक पार्टियां बताएं, किसान संगठन या किसान बताएं हम वो बदलाव करने के लिए तैयार हैं. इस विषय को सब राजनीति से दूर रखेंगे तो किसानों की भलाई होगी.’

मुझे नहीं लगता कि अन्ना हज़ारे जुडेंगे(किसान आंदोलन से), क्योंकि हमने किसानों का कोई अहित नहीं किया.

गातार भाजपा द्वारा किसानों की आय को दुगुना करने की बात कहे जाने पर रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मंत्री गडकरी ने कहा, ‘हमारे देश में आठ लाख करोड़ के क्रूड ऑयल का आयात है, इसके बजाय हम दो लाख करोड़ की इथेनॉल की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं. अभी वो केवल 20,000 करोड़ की है. अगर ये दो लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनेगी तो एक लाख करोड़ किसानों की जेब में जाएंगे.’

यही नहीं उन्होंने कहा कि अगर हम इथेनॉल को गाड़ियों में फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल करते हैं तो इससे प्रदूषण भी कम होगा. उन्होंने यह भी कहा कि पराली से भी इथेनॉल का निर्माण हो सकता है.

हालांकि इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में उभार और किसानों की आय दुगुना किए जाने को लेकर सरकार की कई योजनाओं की बात कही. गडकरी ने कहा कि पिछले साल हमने 60 लाख टन चीनी का आयात किया था और 6000 करोड़ की सब्सिडी दी थी. हमने सब्सिडी दी क्योंकि ब्राजील में चीन 22 रुपये थी जबकि भारत में 34 रुपये.

नागपुर से लोकसभा सदस्य गडकरी ने कहा कि अगर किसान नए कृषि कानूनों का अध्ययन करेंगे, तो वे विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे.

गडकरी ने कहा, “ये कानून किसानों के हित में हैं. हालांकि, राजनीतिक मकसद से किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है. मैं राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से अपील करना चाहता हूं कि वे इस पर चर्चा करें कि किसानों को क्या फायदा हो रहा है और उन्हें क्या नुकसान होगा.”

मंत्री ने कहा, ‘मैं किसानों के लिए पिछले 20-25 साल से काम कर रहा हूं. मुझे स्थिति पता है. ये कानून जमीनी हकीकत के आधार पर बनाए गए हैं.’ गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार, नए कानूनों पर खुल कर चर्चा करने को तैयार है.


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