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Wednesday, 20 November, 2024
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पीड़िता का बयान विश्वसनीय पाए जाने पर आरोपियों की जमानत याचिका खारिज होगी : उच्च न्यायालय

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कोच्चि, 22 फरवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) के एक मामले में शहर के होटल 18 के मालिक और दो अन्य के खिलाफ पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया बयान विश्वसनीय पाया गया तो आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खाारिज कर दी जाएंगी।

न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी. ने तीनों आरोपियों– होटल 18 के मालिक रॉय जे वयालत और उनकी मित्र अंजलि वदाक्केपुरक्कल तथा सायजु एम थैंकचन– की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह कहा। आरेापियों ने दावा किया है कि पीड़िता की मां द्वारा उनके खिलाफ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की शिकायत उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए जानबूझकर की गई।

आरोपियों ने यह भी दलील दी है कि शिकायत कथित घटना के तीन महीने बाद इस साल जनवरी में दर्ज कराई गई।

पीड़िता की मां ने शिकायत में कहा है कि आरोपियों ने उसे और उसकी बेटी को एक बैठक के बहाने से होटल 18 में बुलाया। वहां वयालत ने उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया और इसका वीडियो बनाया गया। पीड़िता की मां इसी होटल में काम करती थी। शिकायत के अनुसार, घटना के बाद वह दोनों होटल से चली गईं और अंजलि ने तब वीडियो तथा पीड़िता की अन्य तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल दीं।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, नाबालिग पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिये गए अपने बयान में तीनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये हैं।

अदालत ने कहा कि वह सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये गये पीड़िता के बयान पर गौर करेगी और यदि यह विश्वसनीय पाया गया तो आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो मामले में अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी जाएगी।

भाषा सुभाष मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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