नई दिल्ली: असम और उत्तर प्रदेश की सरकारों की तरफ से जनसंख्या नियंत्रण की नीति बनाने की दिशा में काम शुरू किए जाने के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने एक बार फिर देश में एक समान जनसंख्या नियंत्रण नीति की वकालत शुरू कर दी है.
विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि केंद्र को एक राष्ट्रीय कानून लाना चाहिए जिसका भारत में हर धर्म और राज्य द्वारा पालन किया जाए.
जैन ने कहा, ‘जनसंख्या विस्फोट ही देश में जनसांख्यिकीय असंतुलन का नतीजा है. हमारे संत समाज ने इस संबंध में तीन साल पहले एक प्रस्ताव पारित किया था. लेकिन राज्यों ने अब तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. हमें उम्मीद है कि अब जबकि असम और उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है, केंद्र भी इस मामले पर गौर करेगा.
उन्होंने बताया कि विहिप ने तीन साल पहले केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था.
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‘जनसांख्यिकीय असंतुलन’ चिंता का विषय
उन्होंने कहा, ‘हम राज्यों को इस मुद्दे पर गौर करने के लिए मनाएंगे. जब सभी बेहतरीन देशों में एक समान जनसंख्या नीति होती है, तो भारत में यह क्यों नहीं हो सकती?’
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘जनसंख्या विस्फोट भारत के लिए चिंता का एक प्रमुख विषय है, जो दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. जनसांख्यिकीय असंतुलन बढ़ रहा है और मुस्लिम बहुल इलाकों में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां और अपराध की दर भी बढ़ रही है. एक समान नीति की आवश्यकता है जिसका पालन सभी धर्मों के लोग करें. हम इसे सरकार के सामने उठाएंगे.’
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यूपी और असम मॉडल
यूपी राज्य विधि आयोग ने एक विधेयक लाने के लिए उसके मसौदे पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसमें सरकारी योजनाओं के लाभों को केवल दो या उससे कम बच्चों वाले लोगों तक ही सीमित करने का प्रस्ताव किया जा सकता है.
हालांकि, यूपी सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की है लेकिन विधि आयोग के प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) आदित्य नाथ मित्तल ने दिप्रिंट से बातचीत में इसकी पुष्टि की है कि उन्होंने मसौदा बिल तैयार करने के लिए जमीनी स्तर पर काम और चर्चा शुरू कर दी है.
असम भी ऐसी ही एक नीति की योजना बना रहा है, जहां मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में घोषणा की थी कि उनकी सरकार राज्य की तरफ से वित्त पोषित विशिष्ट योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दो-बच्चों के मानदंड को धीरे-धीरे लागू करेगी.
जैन ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण नीति एक समान होनी चाहिए- चाहे वह प्रति परिवार एक, दो या तीन बच्चों वाली हो और इसे व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू किया जाना चाहिए.
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