नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती का कहना है कि अगर कश्मीर में सबकुछ ठीक-ठाक है तो एक बार गृहमंत्री कश्मीर में खुले में घूमकर आएं. पिछले सात महीनों से महूबाब मुफ्ती पर पीएसए लगाए जाने से नाराज़ इल्तिजा ने कहा, ‘आप कहते हैं कि उन्होंने 10 साल से भड़काऊ भाषण दिए, अगर ऐसा था तो क्या सरकार सो रही थी, कोमा में थी कि उन्हें पहले गिरफ्तार नहीं किया.’ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मां पर अजीबोगरीब आरोपों की फेरहिस्त सरकार ने गढ़ दी है जिसपर हंसे या रोये समझ नहीं आता. अगर महबूबा मुफ्ती इतनी ही खतरनाक थीं तो बीजेपी ने उनके साथ गठबंधन सरकार क्यों चलाई?
सरकार कह रही है कि कश्मीर से सब कुछ नॉर्मल है, अगर ऐसा है तो गृह मंत्री अमित शाह खुलकर कश्मीर के दौरे पर आ कर दिखाएं. अपनी मां और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के उपर पीएसए लगाने पर गहरा रोष प्रकट करते हुए इल्तिजा ने दिल्ली में कहा कि पांच अगस्त को अवैध रूप से 370 को हटाकर जो बंदिशे केंद्र सरकार ने लगाई है उससे कश्मीर और जम्मू के लोगों में गुस्सा भर दिया है.
वह आगे कहती हैं, ‘यहां स्थिति प्रेशर कूकर सी बन रही है वो कब फटेगा और क्या हो जाये किसी को नहीं पता.’
‘जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट पर सात महीनों से पाबंदी है और कई युवा जो वीपीएन सेवा का प्रयोग कर रहे थे उनपर आतंकवाद निरोधी कानून, यूएपीए के तहत मामले दर्ज कर लिये गए है.’
कैसे अदालत पर विश्वास करें
नेश्नल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह की बहन सारा पायलट उनपर पीएसए लगाए जाने के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में हेबियस कोर्पस ले कर पहुंची हैं पर मुफ्ती परिवार की तरफ से अदालत का दरवाज़ा अभी तक नहीं खटखटाया गया है? इस पर इल्तिजा का कहना था कि वो मीडिया के सामने अपनी कानूनी रणनीति नहीं रखेंगी.
साथ ही उनका कहना था, ‘हमें तो अदालतों पर भी पूरा विश्वास नहीं हो रहा- देखिए संजीव भट्ट जो गुजरात दंगों के व्हिसल ब्लोअर थे उनके साथ क्या हुआ, सुधा भारद्वाज 2 साल से जेल में है, चिनमयानंद पर रेप का आरोप है और वो जेल से बाहर है. असम में इंटनेट पर पाबंदी लगी अदालत सामने आई और कश्मीर में 7 महीने से इंटरनेट नहीं है. ‘
ऐसे में कैसे अदालतों पर विश्वास किया जाये कि न्याय मिलेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये भी कहा कि कभी ज़रूरत महसूस हुई तो अंतर्राष्ट्रीय अदालत का दरवाज़ा खटखटाया जा सकता है. भारत सरकार से कश्मीर के लिए हरजाना मांगा जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर के 8 मिलियन लोगों को आपने उनके इंटरनेट के मौलिक अधिकार से सात महीनों से दूर रखा है और जम्मू कश्मीर की आर्थिक स्थिति बदतर हो रही है, केंद्र शासित प्रदेश को करीब 18,000 करोड़ का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है.
उन्होंने पंचायती चुनाव में पीडीपी के हिस्सा लेने के सवाल पर उलटे सवाल भी दागे, ‘राज्य के सभी शीर्ष नेताओं को आप जेल में डाल देते हैं’ और फिर लोकतंत्र की दुहाई देते हुए चुनाव करवाते हैं. ये कहां तक जायज़ है.
इस सवाल पर कि मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बंदी बनाए जाने पर कैसे जम्मू कश्मीर में कोई भी विरोध में सड़कों पर नहीं आया और क्यों जनता उनके साथ नहीं दिखती. इल्तिजा ने स्वीकार किया कि ‘कश्मीर की जनता में राजनेताओं के खिलाफ बहुत गुस्सा है पर इस पर केंद्र को खुश नहीं होना चाहिए, ये गुस्सा इसलिए है कि इन दलों ने भारत का साथ दिया और बदले में उनके साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है.’
टुकड़े टुकड़े गैंग सरकार
उसने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में नए नेतृत्व की खोज इसलिए भी बेमानी है क्योंकि नया नेतृत्व पुराने को कैद में रख कर पैदा नहीं किया जा सकता. भारत सरकार के रवैये ने ही कश्मीरियों को पाकिस्तान के निकट होने पर मजबूर किया है.
‘हालांकि पाकिस्तान ने हमेशा भारत की समस्या से फायदा उठाने की कोशिश की है, कश्मीर में भी दखल दिया है.’ पर कड़े कदम उठाकर नियंत्रण करने से लोग साथ नहीं चलते पर दिल जीत के ही उन्हें साथ लिया जा सकता है.
भाजपा सरकार पर हमला करते हुए इल्तिजा ने कहा कि सारा विपक्ष ही इस सरकार के लिए एंटी नैशनल हो गया है.
बाकी राजनीतिक दलों को भी समझना चाहिए कि आज कश्मीर के नेता हैं कल अखिलेश, मायावती भी हिरासत में लिए जा सकते हैं. भाजपा सरकार अपने राजनीतिक अजेंडे के तहत काम कर रही है और उसके पास कश्मीर के लिए कोई ब्लू प्रिंट ही नहीं है.’ वे एक ‘हिंदू पाकिस्तान’ बना रहे हैं.
‘असली टुकड़े टुकड़े गैंग ये सरकार है, जो नफरत फैलाने का काम कर रही है. ‘
जिस तरह से विदेशी दूतों को कश्मीर का टूर कराया जा रहा है , एक चुने हुए नेता को कश्मीर नहीं आने दिया गया, उसका वीज़ा कैंसिल कर दिया गया, इस सब से भाजपा सरकार और देश की किरकिरी करी रही है.
इल्तिजा ने कहा कि उनकी मां, महबूबा मुफ्ती बहुत हिम्मत वाली हैं और इतनी जल्दी हिम्मत नहीं हारेंगी. हालांकि खुद इल्तिजा स्वयं राजनीति में नहीं आयेंगी पर कश्मीर की बात दुनिया तक पहुंचाती रहेंगी.