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गुरूवार, 1 मई, 2025
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आईसीएमआर ने व्यावसायिक उत्पादन के लिए तपेदिक का पता लगाने वाली तकनीक निजी कंपनी को सौंपी

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डिब्रूगढ़ (असम), एक मई (भाषा) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने तपेदिक (टीबी) का तेजी से पता लगाने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित नैदानिक ​​तकनीक को व्यावसायिक उत्पादन के लिए एक निजी फर्म को हस्तांतरित कर दिया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गयी।

आईसीएमआर-क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, पूर्वोत्तर (आईसीएमआर-आरएमआरसी एनई) ने टीबी की अति संवेदनशील और तीव्र पहचान के लिए स्वदेशी रूप से विकसित सीआरआईएसपीआर-कैस-आधारित नैदानिक ​​तकनीक को बड़े पैमाने पर व्यावसायीकरण के लिए चिकित्सा निदान फर्म को सफलतापूर्वक हस्तांतरित करने की घोषणा की है।

मेरिल डायग्नोस्टिक्स को औपचारिक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर के माध्यम से किया गया। यह तब हुआ जब भारत टीबी उन्मूलन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में अपने प्रयासों को तेज कर रहा है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, “यह महत्वपूर्ण तकनीकी सफलता महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों, विशेष रूप से टीबी के खिलाफ लड़ाई में संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”

इसमें कहा गया कि भारत इस बीमारी से पार पाने के लिये दृढ़ संकल्पित है।

यह डायग्नोस्टिक प्रणाली, पूरी तरह से आईसीएमआर-आरएमआरसी एनई, डिब्रूगढ़ में संकल्पित और विकसित की गई है, जिसमें तीन प्रमुख घटक शामिल हैं, जो आणविक जीव विज्ञान, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर विकास में विशेषज्ञता को एकीकृत करते हैं।

बयान में कहा गया, “समुदाय स्तर पर तीव्र और सटीक निदान को सक्षम करके, यह प्रौद्योगिकी स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के साथ टीबी के सभी मामलों की पहचान और उपचार करने की भारत की आक्रामक रणनीति का प्रत्यक्ष समर्थन करती है।”

इस गतिविधि पर टिप्पणी करते हुए, प्रधान अन्वेषक डॉ. मोहम्मद अतीक अहमद ने कहा कि यह नवाचार उच्चस्तरीय आणविक जीव विज्ञान को वास्तविक दुनिया की क्षेत्रीय उपयोगिता के साथ जोड़ता है।

उन्होंने कहा, “हमें एक ऐसी बीमारी के लिए भारत में निर्मित समाधान प्रदान करने पर गर्व है जो एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है, और हमारा मानना ​​है कि यह प्रौद्योगिकी भारत के टीबी उन्मूलन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण साधन होगी।”

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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