नई दिल्ली: बिहार की बेटियों को सशक्त बनाने और बिहार को समृद्ध करने के लिए मंगलवार को राजधानी पटना में एक वर्कशॉप के दौरान कुछ स्कूली छात्राओं ने प्रशासन से मांग की कि सैनिटरी पैड की कीमत 20-30 रुपये कम की जानी चाहिए. छात्राओं की इस मांग पर 1992 बैच की आईएएस अधिकारी और राज्य के महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हरजोत कौर भामरा भड़क गईं. छात्रा पर भड़कते हुए उन्होंने पूछ लिया ‘क्या कंडोम भी मुफ्त में चाहिए?’.
‘सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार’ (मजबूत बेटियां, समृद्ध बिहार) नामक इस वर्कशॉप का आयोजन बिहार महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से किया गया था. महिला अधिकारी का छात्राओं पर भड़कने का वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसे संज्ञान में लिया और छात्रों पर की गई टिप्पणी का अधिकारी से लिखित सात दिन में जवाब मांगा है.
@NCWIndia has taken cognisance of the shameful remarks. Chairperson @sharmarekha has written to Ms Harjot Kaur Bhamra, IAS seeking a written explanation for her inappropriate statement. The reply must be communicated to the Commission within 7 days.https://t.co/FVItuOcKOJ
— NCW (@NCWIndia) September 29, 2022
बन जाओ पाकिस्तान
दरअसल, वायरल हो रहे वीडियो में भामरा से एक लड़की ने सवाल किया कि, ‘सरकार सबकुछ दे रही है, यूनिफॉर्म, स्कॉलरशिप, तो क्या 20-30 रुपये का सैनिटरी पैड नहीं दे सकती’? तो उन्होंने जवाब में कहा, ‘इस सवाल पर बहुत तालियां बजाई जा रही हैं. क्या इन मांगों का कोई अंत है. 20 और 30 रुपये का सैनिटरी पैड भी सरकार दे सकती है, कल को पहनने के लिए जींस भी दे सकते हैं, खूबसूरत जूते भी और अंत में परिवार नियोजन की बात आएगी तो कंडोम भी मुफ्त में ही देना पड़ेगा. है ना? सब कुछ मुफ्त में लेने की आदत क्यों है.’
हरजोत इतने पर ही नहीं रुकी, उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार से लेने की जरूरत क्या है, अपने आप को इतना काबिल बनाओ कि सरकार से कुछ लेने की जरूरत ही न हो. मुफ्त में लेने की सोच गलत है. सरकार बहुत कुछ दे रही है.’
इस बात पर छात्रा ने कहा कि सरकार वोट लेने भी तो आती है. इसके जवाब में हरजोत कौर ने बोली कि मत दो तुम वोट, बन जाओ पाकिस्तान. वोट तुम पैसे के एवज में देती हो, सुविधाओं के एवज में देती हो.
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हरजोत कौर ने वायरल हो रहे अपने वीडियो को लेकर कहा, ‘उनका इरादा लड़कियों को नीचा दिखाना नहीं था.’ वहीं उन्होंने बुधवार को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखा और एक स्थानीय हिंदी अखबार के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की.
उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट झूठी और दुर्भावनापूर्ण है और इसका उद्देश्य मुझे बदनाम करना है. मैं खुद एक महिला हूं और पिछले 30 सालों से प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्यरत हूं. जब बालिकाओं के अधिकारों की बात आती है तो मैं सबसे आगे रही हूं.’
बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने दिप्रिंट से कहा, ‘इस तरह की टिप्पणी करना एक अधिकारी के लिए असंवेदनशील और अशोभनीय है.’
उन्होंने कहा, ‘यह कार्यक्रम कक्षा 9 और 10 में पढ़ रहे दलित वर्ग की लड़कियों को अधिक जागरूक करने के लिए आयोजित किया जा गया था. हमने घटना पर संज्ञान लिया है.’
हालांकि, अभी उन्होंने यह नहीं बताया कि भामरा के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी.
भामरा का विवादों से नाता
यह पहली बार नहीं है जब भामरा से जुड़े विवाद सामने आए हैं. 1990 के दशक में बेगूसराय की जब वो जिला मजिस्ट्रेट थीं तो उन्होंने एक सांसद स्वर्गीय राजो सिंह को तेज आवाज में बोलने पर अपने ऑफिस से बाहर कर दिया था.
इससे पहले साल 2010 में वे उस वक्त चर्चा में आ गई थीं जब बिहार राज्य दुग्ध को-ऑपरेटिव संघ की मैनेजिंग डायरेक्टर होते हुए उन्होंने दूध के दाम बढ़ा दिए थे जबकि उसके एक दिन पहले ही बिहार के तत्कालीन पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि दूध के दाम नहीं बढ़ेंगे. ऐसे में गिरिराज सिंह को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था.
वही, नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘वह गुस्से में और बदमिजाज हो जाती हैं, लेकिन साथ ही साथ उनकी ईमानदार और मेहनती होने के कारण उनका काफी सम्मानित है.’
(दीपक मिश्रा के इनपुट्स के साथ)
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