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Friday, 15 November, 2024
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भारत में बुधवार से शुरू हो सकता है आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के टीके का मानव परीक्षण

टीके बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एसआईआई ने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी आस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर जेनर इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित संभावित टीके के उत्पादन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

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पुणे : आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधाकर्ताओं द्वारा विकसित संभावित कोरोना वायरस टीके की खुराक मानव पर दूसरे चरण के परीक्षण के लिए मंगलवार को यहां भारती विद्यापीठ मेडिकल कालेज में पहुंची. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.

संस्थान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि परीक्षण बुधवार से शुरू हो सकता है. यह संस्थान सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा भारत में मानव पर परीक्षण के लिए चुने गए 17 संस्थानों में से एक है.

भारती विद्यापीठ के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय लालवानी ने कहा, ‘शुरुआत करने के लिए हमने पांच स्वयंसेवकों की पहचान की है, जिनकी कोविड-19 और एंटीबॉडी जांच की जाएगी और जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आएगी उन्हें बुधवार को टीकाकरण के लिए चुना जाएगा.’

उन्होंने कहा कि अस्पताल को 300 से 350 स्वयंसेवकों को सूचीबद्ध करने का लक्ष्य दिया गया है. टीके की एक खुराक प्राप्त करने के लिए चुने गए लोग 18 से 99 वर्ष की आयु के होंगे.

अस्पताल के उप चिकित्सा निदेशक डॉ. जीतेन्द्र ओसवाल ने कहा कि वे टीके लगाए जाने के बाद स्वयंसेवकों की निगरानी मानक परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार करेंगे.

जिन अन्य अस्पतालों में परीक्षण किया जाना है उनमें पुणे स्थित बी जे मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एम्स दिल्ली, पटना में राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस, चंडीगढ़ में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, गोरखपुर में नेहरू अस्पताल और विशाखापट्टनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज शामिल हैं.

टीके बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एसआईआई ने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी आस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर जेनर इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित संभावित टीके के उत्पादन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

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