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शनिवार, 31 मई, 2025
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मानवाधिकार संगठन ने गांजा मामले में तीन संदिग्धों की सार्वजनिक पिटाई के लिए आंध्र पुलिस की निंदा की

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तेनाली (आंध्र प्रदेश), 27 मई (भाषा) मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स फोरम’ (एचआरएफ) ने गांजा रखने पर पूछताछ के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल पर हमला करने के तीन आरोपियों की सार्वजनिक रूप से पिटाई करने पर तेनाली पुलिस की मंगलवार को निंदा की।

जॉन विक्टर, करीमुल्ला और राकेश पर पुलिस कांस्टेबल के. चिरंजीवी पर हमला करने का आरोप है। एक अन्य आरोपी फरार बताया जा रहा है।

एचआरएफ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘उनके कथित अपराधों की प्रकृति चाहे जो भी हो लेकिन पुलिस को आरोपियों के साथ इस तरह का व्यवहार करने या उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटने का कोई अधिकार नहीं है। संविधान और कानून किसी भी अपराधी से निपटने के लिए स्पष्ट प्रक्रियाएं निर्धारित करते हैं।’’

वाईएसआरसीपी के नेता जगन मोहन रेड्डी ने घटना की निंदा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि इस तरह की हरकतें व्यवस्थागत पतन को दर्शाती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और संवैधानिक मूल्यों पर सीधा हमला है। पुलिस का काम अदालत में सबूत पेश करना है न कि न्यायाधीश की और जल्लाद की भूमिका निभाना। लोकतंत्र में सार्वजनिक तौर पर मार-पीट का कोई स्थान नहीं है।’’

यह घटना 25 अप्रैल की है लेकिन 26 मई को घटना का एक वीडियो सामने आने के बाद इसकी जानकारी हुई। वीडियो में दो पुलिस अधिकारी कथित आरोपियों को सार्वजनिक रूप से डंडों से पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं।

भाषा शोभना वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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