नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बंधुआ मजदूरी के पीड़ितों को राहत पैकेज देने में देरी पर मंगलवार को चिंता व्यक्त की.
उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसे मामलों में आपराधिक कार्यवाही के परिणाम से राहत पैकेज के मुद्दे को अलग करने के लिए कहा.
मानवाधिकार निकाय ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी गई एक नयी सलाह में कहा कि राज्य और जिला स्तर के पदाधिकारियों का ध्यान केवल ईंट भट्टों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उनका ध्यान निर्माण उद्योग, शॉपिंग मॉल, कॉल सेंटर, मसाज पार्लर आदि उन क्षेत्रों में भी होना चाहिए जहां बंधुआ मजदूरी प्रणाली नए रूपों में सामने आई है.
आयोग ने अपने महासचिव बिम्बाधर प्रधान के माध्यम से केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को लिखे पत्र में अपनी सिफारिशों को लागू करने को कहा है और इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 90 के भीतर देने को कहा है.
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