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गुरूवार, 1 मई, 2025
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गर्मी से बचाव के लिए मानव अधिकार आयोग ने 11 राज्यों से ‘एहतियाती कदम’ उठाने को कहा

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नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) देश के विभिन्न हिस्सों में तापमान में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के मद्देनज़र, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 11 राज्यों को समाज के कमजोर वर्गों को लू लगने जैसी बीमारियों से बचाने के लिए “तत्काल एहतियाती कदम” उठाने को कहा है।

आयोग ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2018 से 2022 के बीच गर्मी और लू लगने से 3,798 लोगों की मौत दर्ज की गई, जिससे स्पष्ट होता है कि “एकीकृत और समावेशी उपायों” की तत्काल आवश्यकता है।

एनएचआरसी ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और राजस्थान के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए आश्रय गृह, राहत सामग्री की आपूर्ति, काम के घंटों में बदलाव और गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए मानक प्रक्रियाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।

बयान में कहा गया है कि मानव अधिकार आयोग द्वारा इन राज्यों से मौजूदा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशानिर्देश के तहत उठाए गए कदमों की ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ आयोग को सौंपने को कहा गया है।

गर्मी और लू से सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तरी, मध्य और पश्चिमी राज्यों में कमजोर तबकों, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, श्रमिकों, बुजुर्गों, बच्चों और बेघर लोगों के लिए आयोग ने त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया है।

राज्यों को भेजे अपने पत्र में एनएचआरसी ने गर्मी की लहरों के प्रभाव को कम करने के लिए एनडीएमए के दिशानिर्देशों को दोहराया है।

साथ ही, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र और सामुदायिक भवनों जैसे सार्वजनिक स्थलों को जरूरतमंदों के लिए खुला रखा जाए, जहां पंखे, पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने के दिशानिर्देश दिए गए।

इसके अलावा दिशानिर्देश में, बस्तियों और श्रमिक कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों को पंखे, और ओआरएस पैकेट मुहैया कराना, काम के समय में बदलाव करना, छायादार विश्राम स्थल, पानी की व्यवस्था और गर्मी से बचाने में कारगार कपड़ों के उपयोग को बढ़ावा देना भी जरूरी उपायों में शामिल हैं।

भाषा राखी माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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