scorecardresearch
Tuesday, 23 April, 2024
होमएजुकेशननई शिक्षा नीति को मंजूरी- एचआरडी मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय होगा

नई शिक्षा नीति को मंजूरी- एचआरडी मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय होगा

नई शिक्षा नीति के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों की राय के लिये सार्वजनिक किया गया था और मंत्रालय को इस पर दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए.

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है. इसमें चार साल के स्नातक पूर्व कार्यक्रम का प्रस्ताव किया गया है. इसमें शिक्षा के अधिकार 2009 के अधिनियम का विस्तार भी है. अधिकारियों से यह जानकारी मिली है.

नाम बदलने के पीछे का विचार मंत्रालय के काम की स्पष्ट परिभाषा देना है. इस पर आधिकारिक घोषणा बुधवार के बाद की जाएगी.

मंत्रालय के सूत्रों ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि राज्यों और जिलों सहित सभी स्तरों पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया गया था और मानव संसाधन विकास शिक्षा नीति को ‘प्रौद्योगिकी-उन्मुख’ बनने में मदद करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि यह वक्त की मांग है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नयी शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था. इस दौरान ही निशंक ने मंत्रालय का कार्यभार संभाला था.

नयी शिक्षा नीति के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों की राय के लिये सार्वजनिक किया गया था और मंत्रालय को इस पर दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘नीति के मसौदे को मंजूरी मिल गई है. मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है.’

इसके अलावा, मसौदा नीति में चार साल के अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रम का प्रस्ताव किया गया है. यह शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के विस्तार का प्रस्ताव भी करता है, जो पहले 6 से 14 से अब 3 से 18 वर्ष के बच्चों को कवर करता है.

गौरतलब है कि वर्तमान शिक्षा नीति 1986 में तैयार की गयी थी और इसे 1992 में संशोधित किया गया था. नयी शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था.

मसौदा तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया. इस समिति का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तब किया था जब मंत्रालय का जिम्मा स्मृति ईरानी के पास था.

(दिप्रिंट की कृतिका शर्मा के इनपुट्स के साथ)

share & View comments