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Saturday, 20 April, 2024
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पढ़ाई जारी रखने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने लिया सोशल मीडिया का सहारा, वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर हुआ जारी

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा, 'इस कैलेंडर वर्ष में शिक्षक विभिन्न तकनीकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग करके घर से ही बच्चों को अभिभावकों की देख-रेख में पढ़ा सकते हैं.'

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नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए बृहस्पतिवार को नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) द्वारा बनाया गया वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया.

मंत्रालय का कहना है कि इस कैलेंडर को बच्चों, परिवार वालों और शिक्षकों की मदद से बनाया गया है ताकि बच्चे इनके द्वारा सुझाए गए रास्तों से बने इस वर्ष से शिक्षा देने और लेने का काम सुचारु तरीके से चलता रहे. ये भी बताया गया कि इस वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर को बनाते समय नई तकनीक और सोशल मीडिया को तरजीह दी गयी है.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘इस कैलेंडर के माध्यम से शिक्षक विभिन्न तकनीकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग करके घर से ही बच्चों को अभिभावकों की देख-रेख में पढ़ा सकते हैं.’

उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कुछ लोगों के पास मोबाइल फ़ोन पर या घर पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध ना हो और वो सोशल मीडिया का उपयोग ना करते हों. ऐसे में इस वैकल्पिक कैलेंडर में शिक्षकों के लिए ये दिशानिर्देश भी हैं कि वो विद्यार्थियों को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या फ़ोन पर कॉल कर उनका मार्गदर्शन करें.

उन्होंने ये भी कहा कि इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में शिक्षक, परिवार वाले और बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, जी-मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और पढाई जारी रख सकते हैं.

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इस कैलेंडर में पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक के सभी विषय शामिल किये गए हैं. इसके द्वारा सभी बच्चों जिनमें दिव्यांग भी शामिल हैं की सीखने की जरूरत का ध्यान रखा गया है. सभी बच्चों को ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों, आदि के द्वारा छात्रों की जरूरतों को संबोधित किया जायेगा.

इस कैलेंडर को साप्ताहिक आधार पर जारी किया जायेगा और इसमें पाठ्यक्रम के अनुसार विषयों को रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियों द्वारा सम्मिलित किया गया है. इस कैलेंडर की सबसे प्रमुख बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग छात्रों की सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है.

इसके द्वारा अभिभावक और अध्यापक बच्चों की प्रगति पर भी नजर बनाये रखेंगे और पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी बच्चों को नई चीज़ें सीखने के लिए प्रेरित करेंगे. इस कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ-साथ योग भी शामिल किया गया है.

तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाये गए हैं. फ़िलहाल ये कैलेंडर में चार भाषाओंके विषयों को शामिल किया गया है – संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी. इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है.

केंद्रीय मंत्री ने इस कैलेंडर पर उपलब्ध गतिविधियों के बारे में कहा कि सभी गतिविधियां सुझाव के तौर पर शामिल की गयी है न कि किसी आदेश की तरह थोपी गई हैं. इस क्रम में किसी के ऊपर कोई बाध्यता नहीं है. अध्यापक और अभिभावक बिना क्रम पर ध्यान दिए विद्यार्थियों की रूचि वाली गतिविधि का चयन कर सकते हैं.

इसे एससीईआरटी, राज्य स्कूल शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा बोर्ड्स, केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति, इत्यादि संस्थाओं के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डीटीएच चेनलों द्वारा प्रसारित और प्रचारित किया जायेगा.

यह विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूल के प्राचार्यों को सशक्त करेगा, ऑनलाइन संसाधनो का उपयोग कर सकारात्मक तरीकों से कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में तथा बच्चो को घर पर ही उत्तम शिक्षा उपलब्ध करवाने में मदद करेगा.

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