शिमला, चार अप्रैल (भाषा) हिमाचल रीज़नल अलांयस (एचआरए) के प्रमुख राजन सुशांत ने सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया कि चंडीगढ़ के मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं। उनका दावा है कि केंद्र शासित प्रदेश का 7.19 फीसदी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश का है।
सुशांत ने पत्रकारों से बात करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की और कहा कि चंडीगढ़ मुद्दे पर राज्य विधानसभा का सत्र एक हफ्ते के अंदर बुलाया जाना चाहिए।
एचआरए प्रमुख ने एक हफ्ते में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुलाए जाने पर 15 अप्रैल से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की भी धमकी दी। वहीं पंजाब पहले ही केंद्र शासित प्रदेश को लेकर विधानसभा सत्र आयोजित कर चुका है जबकि हरियाणा मंगलवार को विशेष सत्र आयोजित कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांगड़ा से भाजपा के पूर्व सांसद सुशांत ने 2020 में हमारी पार्टी हिमाचल प्रदेश (एचपीएचपी) नाम से अपनी पार्टी बनाई थी जिसके बाद पिछले महीने हिमाचल रिज़नल अलांयस (एचआरए) स्थापित किया जिसमें एचपीएचपी, तीन अन्य राजनीतिक दल और पांच गैर सरकारी संगठन शामिल हैं।
उन्होंने दावा किया कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966, हिमाचल प्रदेश को चंडीगढ़ के 7.19 प्रतिशत क्षेत्र पर अधिकार देता है।
सुशांत ने कहा कि अगर चंडीगढ़ का बंटवारा किया जाता है तो हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बद्दी के पास चंडीगढ़ के छह सेक्टरों को कानून के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश को दिया जाना चाहिए।
हालांकि, एचआरए अध्यक्ष ने कहा कि चंडीगढ़ का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा बनाए रखा जाना चाहिए।
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नोमान नरेश
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