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Friday, 26 April, 2024
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कैसे केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप भारत का एकमात्र कोरोनावायरस मुक्त क्षेत्र बना

केंद्र शासित प्रदेश, जो कि 36 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है ने केंद्र सरकार से स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति देने का अनुरोध किया है.

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नई दिल्ली: भारत एक मिलियन कोविड-19 केस तक पहुंचने से सिर्फ एक कदम दूर है. वर्तमान में देश में कुल मामले 9,36,181 हैं. लेकिन एक केंद्र शासित प्रदेश अभी तक कोरोनावायरस मुक्त बना हुआ है- वो है लक्षद्वीप.

यह भारत का एकमात्र क्षेत्र है जो स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 मामलों की सूची में शामिल नहीं है. लक्षद्वीप प्रशासन ने हाल ही में केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी जाए. जबकि अन्य राज्य अभी भी इस पर विचार कर रहे हैं.

सिर्फ 64,473 की आबादी वाले केंद्र शासित प्रदेशों ने कई उपायों के माध्यम से सार्स सीओवी-2 वायरस को दूर करने में कामयाबी हासिल की है. इसमें एक्सेस कंट्रोल, ज्यादा क्वारेंटाइन का समय और इसकी परिधि के भीतर व्यापक रोगसूचक परीक्षण शामिल हैं.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों या गंभीर तीव्र सांस संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों के परीक्षण के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार लक्षद्वीप प्रशासन ने अब तक सिर्फ 61 लोगों का परीक्षण किया है.

लक्षद्वीप के स्वास्थ्य सचिव डॉ एस सुंदरवादिवेलु ने कहा कि सभी नेगेटिव आये हैं.

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स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘केरल के कोच्चि में स्थापित प्रारंभिक और विस्तृत जांच के लिए धन्यवाद.’ यही ‘मुख्य भूमि’ है जिस पर 36 द्वीपों (जिनमें से केवल 10 बसे हुए हैं) का यह छोटा समूह आवश्यक आपूर्ति से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, सब कुछ पर निर्भर करता है.

द्वीपसमूह के लिए उड़ानें और जहाज भी कोच्चि से संचालित होते हैं. यही वजह है कि यह लक्षद्वीप प्रशासन ने सबसे पहले यहां ध्यान केंद्रित किया था.

जल्द शुरुआत

डॉ एस सुंदरवादिवेलु का कहना है कि उनके लिए जो काम आया है वह है एक जल्द शुरुआत. उन्हें एहसास था कि अगर कोविड-19 ने केंद्र शासित प्रदेश पर हमला किया, तो इसका अपर्याप्त चिकित्सा ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा.

सबसे अच्छी बात लोगों को कई टियर एक्सेस-कंट्रोल तंत्र के माध्यम से क्षेत्र में आने से रोकना था.

वे कहते हैं, ‘हमने महामारी की शुरुआत में यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की थी. देश के बाकी हिस्सों में, घरेलू यात्रियों के लिए स्क्रीनिंग बहुत बाद में शुरू हुई- अब भी केवल कुछ ही राज्य प्री-बोर्डिंग स्क्रीनिंग कर रहे हैं. लेकिन हमने कोच्चि हवाई अड्डे पर (बहुत पहले) प्री-बोर्डिंग की शुरुआत की.

कोच्चि में जहाज यात्रियों की प्री-बोर्डिंग स्क्रीनिंग 1 फरवरी से शुरू हुई और 9 फरवरी से हवाई यात्रियों के लिए शुरू हुई. उन्होंने कहा कि अगत्ती में हवाई अड्डे पर हवाई यात्रियों की स्क्रीनिंग 1 फरवरी से शुरू हुई.

यहां आने के लिए किसी भी व्यक्ति को हमारे गेस्ट हाउस में हमारी निगरानी के तहत सात दिन (संस्थागत) क्वारेंटाइन से गुजरना पड़ा. अब हमने दो होटल (कोच्चि में) भी ले लिए हैं. उस अवधि के बाद, व्यक्ति को परीक्षणों से गुजरना पड़ता है. हमने जल्दी शुरुआत की क्योंकि हमें पता था कि हमारा स्वास्थ्य ढांचा बहुत खराब है और बीमारी में प्रवेश करने के बाद यह आसानी से ख़राब हो जाएगा.

अगत्ती हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद भी अतिरिक्त सुरक्षा के लिए 14-दिवसीय होम-क्वारेंटाइन की आवश्यकता है.

अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए, केरल सरकार की अनिवार्य संस्थागत क्वारेंटाइन के खत्म होने के बाद भी उन्हें लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा लागू 14-दिवसीय घर-क्वारेंटाइन में जाना होगा.

डॉ सुंदरवादिवेलु सही हैं जब वे कहते हैं कि लक्षद्वीप में स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा खराब है. केंद्र शासित प्रदेश के प्रसाशन में सिर्फ तीन अस्पताल हैं- इंदिरा गांधी (आईजी) अस्पताल और कावारत्ती में राजीव गांधी स्पेशलिटी अस्पताल और मिनिकॉय में सरकारी अस्पताल.

आईजी अस्पताल और सरकारी अस्पताल में कुल मिलाकर 70 बेड हैं. प्रकोप के बाद आईजी अस्पताल में कोविड-19 रोगियों के लिए 30 बेड वाला एक नया ब्लॉक आरक्षित किया गया था. लेकिन इसकी अभी शुरुआत नहीं हुई है.

राजीव गांधी स्पेशलिटी भारत सरकार के स्वामित्व वाला और एक निजी समूह द्वारा 100 बिस्तर वाला तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं वाला अस्पताल है.

एंड्रोथ, अमिनी और अगत्ती के तीन द्वीपों में तीन 30-बेड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं – प्रत्येक 10 बिस्तरों के साथ – कदमाथ, कल्पेनी, किल्थान और चेतलत में हैं. वहीं लक्षद्वीप में कोई मेडिकल कॉलेज या निजी अस्पताल नहीं हैं.

डॉ सुंदरवादिवेलु कहते हैं ‘हम अपनी सभी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों, यहां तक कि परीक्षाएं देने और अन्य आवश्यकताओं के लिए भी कोच्चि जाते हैं. यही कारण है कि फ्लाइट और जहाजों दोनों के लिए कोच्चि प्री-बोर्डिंग स्क्रीनिंग बहुत महत्वपूर्ण है. हम भी क्वारेंटाइन आवश्यकताओं के साथ बहुत सख्त रहे हैं.

प्रवेश प्रतिबंधों से भी मदद मिली

प्रशासन अब तक उन लोगों के लिए भी पैसे चुका रहा है, जो कोच्चि में दो होटलों में रहते हैं. हम चाहते हैं कि वे आने से पहले हमारी निगरानी में रहें. चूंकि कोच्चि में प्री-बोर्डिंग चेक शुरू हुआ, केवल दो लोगों को पॉजिटिव पाया गया -दूसरा पिछले शुक्रवार को पॉजिटिव पाया गया.

पहले, आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जा रहा था, लेकिन अब ट्रूनेट, जो सस्ता है का उपयोग परीक्षण के लिए किया जा रहा है.

एक तथ्य यह है कि लक्षद्वीप में प्रवेश प्रतिबंधित रहने से प्रशासन को मदद मिली. इन द्वीपों का दौरा करने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा जारी प्रवेश परमिट की आवश्यकता होती है.

डॉ सुंदरवादिवेलु कहते हैं यूटी ने अब स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति देने के लिए कहा है. हम उस पर गृह मंत्रालय (गृह मंत्रालय) के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं.

लक्षद्वीप के बारे में

केंद्र शासित प्रदेश 1956 में बना था और इसे 1973 में लक्षद्वीप नाम दिया गया था. यह भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है. इसका नाम मलयालम में लक्षद्वीप जिसका मतलब संस्कृत में एक लाख द्वीप है.

36 द्वीपों का कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है और पूरे यूटी में सिर्फ एक जिला है. सभी द्वीप तटीय शहर कोच्चि से 220 से 440 किमी दूर हैं.

कोच्चि से उड़ानों के अलावा, सात यात्री जहाज – एमवी कवर्त्ती, एमवी अरब सागर, एमवी लक्षद्वीप सागर, एमवी लगून, एमवी कोरल, एमवी अमिंडी और एमवी मिनिकॉय – कोच्चि और लक्षद्वीप द्वीप समूह के बीच संचालित होते हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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