नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय मणिपुर में जातीय विभाजन को पाटने के लिए जल्द से जल्द मैतेई और कुकी समुदायों से बात करेगा.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गृह मंत्री ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि अगर ज़रूरत हुई तो केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति एवं सौहार्द बहाल करने के लिए उन्हें रणनीतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए.
शाह ने निर्देश दिया कि पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
बयान में शाह के हवाले से कहा गया कि गृह मंत्रालय दोनों समूहों, मैतेई और कुकी, से बात करेगा ताकि जातीय विभाजन को जल्द से जल्द पाटा जा सके.
उन्होंने मणिपुर के मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाएं तथा उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्य के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
शाह ने राहत शिविरों में स्थिति की भी समीक्षा की, विशेषकर भोजन, पानी, दवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित उपलब्धता के संबंध में.
उन्होंने चल रहे जातीय संघर्ष को हल करने के लिए समन्वित दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया.
बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार राज्य में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने में मणिपुर सरकार को सक्रिय रूप से सहयोग दे रही है.
मणिपुर में 3 मई, 2023 को बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद जातीय हिंसा हुई थी.
तब से जारी हिंसा में कुकी और मैतेई समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं.
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में ताजा अशांति की घटनाओं की खबरों के बीच शाह ने राज्य में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की.
सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय बैठक में शाह को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
गृह मंत्री ने मणिपुर की स्थिति का जायजा लिया, जिसके एक दिन पहले राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने उनसे मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि उइके ने उन्हें वहां की कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया.
हाल ही में राजधानी इंफाल और जिरीबाम में फिर से हिंसा की खबरें आईं. सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार जिरीबाम जैसे नए इलाकों में हिंसा फैलने को लेकर चिंतित है, जो पिछले एक साल से काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा है.
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह और मुख्य सचिव विनीत जोशी राज्य सरकार की ओर से बैठक में शामिल हुए.
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह हालांकि, इस बैठक में मौजूद नहीं थे.
एक घंटे चली बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, आसूचना ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, अगले सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
मणिपुर की स्थिति की शाह द्वारा समीक्षा, जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर इसी प्रकार की बैठक लेने के एक दिन बाद आई है.
मणिपुर की जनसंख्या में मैतेई लोगों की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है तथा वे मुख्यतः इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी सहित जनजातीय लोग 40 प्रतिशत हैं तथा मुख्यतः पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
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