नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सीबीआई की कार्यवाही और फिर सीबीआई अधिकारियों को बंगाल पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया है. गृहमंत्री ने कहा कि सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ पहली बार ऐसी घटना हुई है और उन्हें हिरासत में लिया गया. उनका लोकसभा में यह बयान तब आया है जब संसद में विपक्षी सांसद सीबीआई को सरकार का तोता बताते हुए सदन में नारेबाजी कर रहे थे.
HM Rajnath Singh in Lok Sabha: West Bengal Governor Keshari Nath Tripathi has summoned Chief Secretary and Director General of Police and has asked them to take immediate action to resolve the situation. pic.twitter.com/RK3euu7OSE
— ANI (@ANI) February 4, 2019
गृहमंत्री ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के गवर्नर केशरी नाथ त्रिपाठी ने मुख्य सचिव, डीजी पुलिस को तलब किया है और उनसे मामले के समाधान के लिए तुरंत कार्यवाई करने को कहा है. राजनाथ सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही के तहत शारदा चिट फंड मामले में जांच के आदेश दिए थे. पुलिस कमिश्नर को कई बार सम्मन किया गया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए.
गौरतलब है कि लोकसभा में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में सीबीआई के कथित दुरुपयोग को लेकर हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तृणमूल के सौगत रॉय ने प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की.
लोकसभा अध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी, और उन्हें मामले को शून्यकाल में उठाने के लिए कहा. उन्होंने इसके बाद प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू कर दी.
कांग्रेस सदस्य राजीव साटव जिन्हें पहला प्रश्न पूछना था, उन्होंने प्रश्न नहीं पूछा, बल्कि महाजन से राय द्वारा उठाए गए बंगाल के मुद्दे पर चर्चा का आग्रह किया. लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल को जारी रखने की कोशिश की, तृणमूल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास जमा हो गए और सरकार के विरुद्ध नारे लगाने शुरू कर दिए.
सदन में हंगामा जारी रहने के बाद, महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी.
राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित
वहीं राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को शुरू होने के कुछ मिनटों बाद ही हंगामे के बीच अपरान्ह 2 बजे तक के लिए स्थगति हो गई. सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, सभापति एम. वेकैंया नायडू ने घोषणा की कि उन्होंने कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा नियम 267 (कामकाज के निलंबन) के तहत विभिन्न मुद्दों पर दिए गए नोटिसों को खारिज कर दिया है.
इस पर विपक्ष ने मुखर विरोध प्रदर्शन किया और कुछ सदस्य सभापति के आसन के पास एकत्र हो गए. हंगामे के बीच नायडू ने सदन की कार्यवाही अपरान्ह 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने संघीय सरकारों के खिलाफ सीबीआई की कथित ज्यादतियों को लेकर नोटिस दिया था, जबकि समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव व राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने दूसरे मुद्दों पर नोटिस दिया था.