मुंबई, 10 जून (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के घाटकोपर इलाके में 13 मई को होर्डिंग गिरने की घटना की जांच के लिए सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
उस दिन तेज हवाओं और धूल भरी आंधी के बीच होर्डिंग एक पेट्रोल पंप पर गिर गया था, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी और 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
अधिकारी ने बताया कि राज्य गृह विभाग द्वारा गठित समिति दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सभी पहलुओं की समयबद्ध जांच करेगी।
अब तक पुलिस ने ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भावेश भिंडे को गिरफ्तार किया है। ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने ही यह होर्डिंग लगाया था। साथ ही पुलिस ने इसके पूर्व कर्मचारियों जाह्नवी मराठे और सागर पाटिल के साथ-साथ स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज संघू को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कथित तौर पर विस्तृत निरीक्षण के बिना स्थिरता प्रमाण पत्र प्रदान किया था। एन वार्ड में तैनात बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के इंजीनियर सुनील दलवी से मुंबई पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूछताछ की है।
अधिकारी ने बताया कि रेलवे पुलिस महानिदेशक ने घटना की आंतरिक जांच की थी, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सौंपी, जिन्होंने इसे राज्य सरकार को सौंप दिया।
अब तक की जांच के अनुसार, होर्डिंग सरकारी रेलवे पुलिस के कब्जे वाली जमीन पर लगाया गया था और इसे पेट्रोल पंप के पास लगाने की अनुमति सरकारी रेलवे पुलिस के तत्कालीन पुलिस आयुक्त कैसर खालिद की मंजूरी से 10 साल के लिए ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को दी गई थी।
वीरमाता जीजाबाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (वीजेटीआई) द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में कहा गया है कि होर्डिंग की नींव अपर्याप्त और कमजोर थी। वीजेटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी होर्डिंग को 158 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति का सामना करने में सक्षम होना चाहिए, जो होर्डिंग गिरा, वह सिर्फ 49 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति का सामना करने में सक्षम था। अधिकारी ने कहा था कि घटना के दिन हवा की गति 87 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
भाषा
अमित दिलीप
दिलीप
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