वाराणसी/कोलकाता, दो मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में हिंदू युवा वाहिनी के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दक्षिणपंथी संगठन के समर्थकों ने ममता बनर्जी को काले झंडे दिखाये और उनके खिलाफ नारेबाजी की।
इस बीच, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का विरोध किए जाने की कड़ी आलोचना की।
बनर्जी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में बृहस्पतिवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए बुधवार शाम को वाराणसी पहुंचीं थी। वह ‘गंगा आरती’ में शामिल होने के लिए दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़ रही थीं, तभी चेतगंज चौराहे पर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले के सामने काले झंडे दिखाकर नारेबाजी शुरू कर दी।
इस दौरान ममता बनर्जी अपने वाहन से उतरीं और कुछ देर सड़क पर खड़ी रहीं। आगे बढ़ने पर उन्हें गदोलिया पर भी विरोध का सामना करना पड़ा, जहां भाजपा के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और ‘‘ममता बनर्जी वापस जाओ’’ के नारे लगाए। प्रदर्शन कर रहे युवकों ने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए। हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना लगभग दो दशक पहले भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी।
इलाके में तैनात पुलिस बल प्रदर्शन कर रहे युवकों के हाथ से काले झंडे छीनने के लिए दौड़ा और उन्हें वहां से खदेड़ दिया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश चुनाव के सातवें और अंतिम चरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के लिए प्रचार के लिए आई हैं।
उधर, कोलकाता में टीएमसी के वरिष्ठ नेता ब्रत्य बसु ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में ममता बनर्जी का विरोध किया जाना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है क्योंकि ये भाजपा की उदारवाद-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
बसु की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ” क्या टीएमसी वाराणसी में ‘जय बांग्ला’ का नारा सुनना चाहती है? लोगों ने उनके (ममता बनर्जी) काफिले को देखकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने से क्या दिक्कत है।”
भाषा सं जफर शफीक वैभव
वैभव
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