शिमला, चार मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को राज्य में प्रदर्शन कर रहे शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के प्रति कांग्रेस नीत सरकार के रुख की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता के अधिकारों की भी अनदेखी कर रही है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लगभग 1,500 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने शनिवार को शिमला में विरोध-प्रदर्शन किया और मांग की कि उन्हें समय पर वेतन दिया जाए।
सिराज विधानसभा क्षेत्र में लोगों से बातचीत करते हुए ठाकुर ने कहा, “कर्मचारी हितैषी होने का दावा करने वाली राज्य सरकार कर्मचारियों की चिंताओं को सुनने से इनकार कर रही है। चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं ने जिन मुद्दों का जोरदार समर्थन किया था, अब उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया, “प्रदर्शनकारी शिक्षकों से बातचीत करने के बजाय सरकार ने वैध मांगें उठाने वालों के खिलाफ बर्खास्तगी, निलंबन और आपराधिक मामले दर्ज करने जैसी कठोर दंडात्मक कार्रवाइयां की हैं।”
ठाकुर ने कहा, “सरकार ने विरोध को कुचलने की कोशिश की, जिससे शिक्षकों में नाराजगी बढ़ रही है। शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन सरकार छात्रों की पढ़ाई के प्रति बेपरवाह है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 900 से ज्यादा शिक्षकों को सिर्फ अपनी चिंताएं व्यक्त करने के लिए झूठे आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “यह सत्ता का खुला दुरुपयोग और लोकतंत्र पर खतरनाक हमला है। लोकतंत्र में सरकारों का काम लोगों की बात सुनना होता है, उन्हें चुप कराना नहीं।”
भाषा प्रशांत पारुल
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