शिमला, 22 मार्च (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भाजपा नेताओं के साथ शनिवार को एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता विमल नेगी के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात की और कहा कि सीबीआई जांच से ही नेगी की मौत से जुड़े सवालों पर विराम लग सकेगा।
ठाकुर ने बताया कि नेगी के परिजनों ने उनकी (नेगी की) मौत के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अधिकारी 10 मार्च को लापता हो गए थे और मंगलवार को उनका शव बिलासपुर में मिला। मृतक के परिजनों ने बुधवार को शव के साथ शिमला में हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के कार्यालय के बाहर धरना दिया।
नेगी की पत्नी ने आरोप लगाया था कि यह ‘आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है’।
उनकी पत्नी का आरोप था कि अस्वस्थ होने के बावजूद उनके पति पर दबाव डाला गया, उन्हें छुट्टियां नहीं दी गईं और वरिष्ठों द्वारा उन्हें परेशान किया गया।
ठाकुर ने राज्य भाजपा प्रमुख राजीव बिंदल और अन्य भाजपा नेताओं के साथ शनिवार को किन्नौर जिले में नेगी के पैतृक गांव में उनके परिजनों से मुलाकात की।
ठाकुर ने कहा कि परिवार का कहना है कि ‘नुकसान हो चुका है लेकिन जांच निष्पक्ष होनी चाहिए और सीबीआई जांच से सभी सवालों पर पूर्ण विराम लगेगा।’
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निदेशक (विद्युत) देश राज सहित तीन लोगों ने नेगी पर ‘गलत काम करने’ के लिए दबाव डाला, जिसके कारण नेगी अत्यधिक तनाव में थे और यह आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर हुए।
मीणा का तबादला कर दिया गया है जबकि देश राज को निलंबित किया गया है। पुलिस ने बुधवार को बीएनएस की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3 (5) संयुक्त आपराधिक दायित्व के तहत मामला दर्ज किया।
ठाकुर ने कहा कि मृतक इंजीनियर के परिवार के सदस्य और एचपीपीसीएल के कर्मचारी मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि एचपीपीसीएल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि ‘एक व्यक्ति को निदेशक बनाने के लिए पांच अन्य लोगों को दरकिनार किया गया।’
उन्होंने कहा कि इंजीनियर के लापता होने और शव बरामद होने के बाद भी हमने कई बार मुद्दा विधानसभा में उठाया।
उन्होंने कहा, ‘एक इंजीनियर की मौत हो गई और भाजपा ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘भाजपा को बात का बतंगड़ बनाने की आदत है’ जो दुर्भाग्यपूर्ण है।’
उन्होंने कहा, ‘जब मृतक के परिवार के सदस्य एचपीपीसीएल के कर्मचारी और आम लोग मामले की सीबीआई जांच चाहते हैं तो मुख्यमंत्री को जांच सीबीआई को न सौंपने के पीछे का कारण बताना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस मामले को सीबीआई को सौंप देंगे और यदि ऐसा नहीं होता है तो (सीबीआई जांच के लिए) अन्य कानूनी प्रावधान भी हैं।’
ठाकुर ने कहा कि मामले को दबाने का कोई भी प्रयास सरकार पर सवाल खड़ा करेगा।
भाषा
शुभम पवनेश
पवनेश
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