चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तारी से तीन की सुरक्षा प्रदान की है ताकि वह अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज करने के फैसले फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकें.
न्यायमूर्ति लीजा गिल की अदालत ने सोमवार को मादक पदार्थ मामले में आरोपी मजीठिया की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थीं
मंगलवार को प्राप्त हुई आदेश की प्रति के मुताबिक अदालत ने कहा, ‘…याचिकाकर्ता को इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनैती देने के लिए तीन दिन का समय दिया जा रहा है.तब तक याचिकाककर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.’
हालांकि, मजीठिया का पक्ष रख रहे वकील ने अदालत से अनुरोध किया था कि उनके मुवक्किल को सात दिन के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाए.
अग्रिम जमानत अर्जी के खारिज होने को मजीठिया के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि अगले महीने होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए वह अमृतसर जिले के मजीठा विधानसभा सीट से शिअद के प्रत्याशी हैं.
राज्य में 20 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए नामांकान की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हुई.
मजीठिया (46) के खिलाफ पिछले महीने एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था.
उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी को उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और 12 जनवरी को जांच से जुड़ने का निर्देश दिया था. अदालत ने देश नहीं छोड़ने सहित कुछ शर्तें भी लगाई थीं. बाद में अंतरिम राहत की अवधि 18 जनवरी को बढ़ा दी गई थी.
मजीठिया शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.
भाषा धीरज अनूप
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